अगस्ता वेस्टलैंड मामला : पूर्व वायुसेना प्रमुख SP त्यागी समेत तीन गिरफ्तार

नयी दिल्ली :सीबीआई ने 3,600 करोड़ रुपये के अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील मामले को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप में आज भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया. साल 2007 में एयर चीफ मार्शल के पद से सेवानिवृत हुए त्यागी से सीबीआई पहले गहन पूछताछ कर चुकी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2016 6:14 PM

नयी दिल्ली :सीबीआई ने 3,600 करोड़ रुपये के अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील मामले को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप में आज भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया. साल 2007 में एयर चीफ मार्शल के पद से सेवानिवृत हुए त्यागी से सीबीआई पहले गहन पूछताछ कर चुकी है. त्यागी के साथ उनके चचेरे भाई संजीव उर्फ जूली त्यागी और वकील गौतम खेतान को भी गिरफ्तार किया गया है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘पहली बार किसी पूर्व भारतीय वायुसेना प्रमुख को केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से गिरफ्तार किया गया है.’ एक जनवरी 2014 को भारत सरकार ने वायुसेना के लिए 12 एडब्ल्यू-101 हेलीकॉप्टरों की खरीद को लेकर फिनमेकेनिका की ब्रिटिश सहयोगी अगस्तावेस्टलैंड के साथ हुए अनुबंध को रद्द कर दिया था. अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन और अनुबंध हासिल करने के लिए अगस्तावेस्टलैंड की ओर से कमीशन के तौर पर 423 करोड रुपए दिए जाने के आरोपों के कारण अनुबंध रद्द किया गया था. इस मामले में सुराग और सबूत जुटाने की खातिर सीबीआई ने कई देशों को ‘लेटर्स रोगेटरी’ यानी न्यायिक अनुरोध-पत्र भी भेजे थे

कौन हैं एसपी त्यागी

भारतीय वायुसेना के चीफ रहे एसपी त्यागी ने 1965 और 1971 के युद्ध में प्रमुख भूमिका निभाई थी. मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्में त्यागी की प्रारंभिक शिक्षा जयपुर के सेंट जेवियर स्कूल में हुई. पढ़ाई के बाद वे सेना में शामिल हुए. अग्सता वेस्टलैंड मामले में एसपी त्यागी उस वक्त चर्चा में आये जब भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सेना प्रमुखों की सुविधा के लिए खरीदे गये 12 एडब्ल्यू-101 हेलिकॉप्टरों में भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने की बात का खुलासा हुआ. 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील मामले में इटली सरकार की जांच में यह बात सामने आई कि फिनमेकेनिका एयरोस्पेस डिफेंस कंपनी ने तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को मध्यस्थों के माध्यम से रिश्वत की रकम पहुंचाई थी

Next Article

Exit mobile version