हेलिकॉप्टर सौदा : त्यागी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर उठाए सवाल, कहा- डील में पीएमओ भी था शामिल
नयी दिल्ली : 3600 करोड़ के अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदा मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी समेत अन्य आरोपियों को 14 दिसंबर तक सीबीआइ रिमांड पर भेज दिया है. त्यागी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि यूपीए शासनकाल में हुई इस डील को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह […]
नयी दिल्ली : 3600 करोड़ के अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदा मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी समेत अन्य आरोपियों को 14 दिसंबर तक सीबीआइ रिमांड पर भेज दिया है. त्यागी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि यूपीए शासनकाल में हुई इस डील को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ऑफिस की तरफ से इसका समर्थन किया गया था. त्यागी ने कोर्ट में कहा कि पीएम ऑफिस की ओर से सुझाव दिया गया था कि वीवीआईपी चॉपर डील के लिए बदलाव किए जाएं क्योंकि अगस्ता वेस्टलैंड इससे जुड़े मापदंडों को पूरा करने में समर्थ नहीं थी लेकिन बदलाव करने से उसके लिए डील हासिल करना आसान हो गया. आपको बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी को चार दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया.
सीबीआइ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रभाववाली साजिश का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ किये जाने की जरूरत है. त्यागी को 12 वीवीआइपी हेलीकॉप्टरों की खरीद में 450 करोड़ रुपये रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया है. उनके चचेरे भाई संजीव त्यागी उर्फ जूली और अधिवक्ता गौतम खेतान को भी 14 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. ये भी संप्रग-2 सरकार के कार्यकाल के दौरान ब्रिटेन स्थित कंपनी अगस्ता वेटस्टलैंड से वीवीआइपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के मामले में आरोपी हैं. सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने 10 दिन की हिरासत की मांग की. हालांकि, आरोपी की ओर से उपस्थित वकील ने सीबीआइ की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि मामले में प्राथमिकी तीन साल पहले दर्ज की गयी थी और अब गिरफ्तारी के लिए कोई नया आधार नहीं है.
गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण प्रतिष्ठा धूमिल हुई : राहा
वायुसेना प्रमुख अरुप राहा ने शनिवार को पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी की गिरफ्तारी को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा इससे वायुसेना की प्रतिष्ठा को ‘नुकसान’ पहुंचा है. मैं इस बात को लेकर पक्का हूं कि प्रत्येक भारतीय नागरिक कानून के शासन में भरोसा करता है और उचित प्रक्रिया जारी है. जो भी अंतिम फैसला होगा, हम उसे मानेंगे.