भारत ने अमेरिकी, फ्रांसीसी कंपनियों से परमाणु संयंत्रों की जानकारी मांगी
नयी दिल्ली : भारत ने देश में परमाणु संयंत्र बनाने का प्रस्ताव देने वाली अमेरिकी और फ्रांसीसी कंपनियों से कहा है कि अपनी क्षमता के प्रमाण के रुप में अपने डिजाइन किये हुए उन संयंत्रों का ब्योरा दें जिनमें उत्पादन हो रहा है. सूत्रों का कहना है कि फ्रांसीसी कंपनी ईडीएफ और अमेरिकी फर्म वेस्टिंगहाउस […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
December 11, 2016 11:05 PM
नयी दिल्ली : भारत ने देश में परमाणु संयंत्र बनाने का प्रस्ताव देने वाली अमेरिकी और फ्रांसीसी कंपनियों से कहा है कि अपनी क्षमता के प्रमाण के रुप में अपने डिजाइन किये हुए उन संयंत्रों का ब्योरा दें जिनमें उत्पादन हो रहा है. सूत्रों का कहना है कि फ्रांसीसी कंपनी ईडीएफ और अमेरिकी फर्म वेस्टिंगहाउस के पास अभी भी पूर्ण संचालित ‘‘रेफरेंस संयंत्र” नहीं हैं जो इन कंपनियों के साथ अंतिम सामान्य रुपरेखा समझौता की पूर्व आवश्यकता है.
ईडीएफ ने जैतापुर में छह परमाणु यूरोपियन प्रेशराइज्ड संयंत्र (ईपीआर) बनाने का प्रस्ताव रखा है. प्रत्येक की क्षमता 1650 मेगावाट होगी। वहीं अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस का आंध्र प्रदेश के कोवाडा में छह एपी1000 संयंत्र लगाने का प्रस्ताव है. इनमें प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 1000 मेगावाट होगी. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों कंपनियों द्वारा पेश किए गए डिजाइन नए हैं, इसलिए परमाणु उर्जा विभाग भी जानना चाहता है कि प्रौद्योगिकी कैसे काम करती है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने उनसे एक संदर्भ संयंत्र (रेफरेन्स रिएक्टर) दिखाने को कहा है जो पूरी तरह क्रियाशील है और बिजली उत्पादन कर रहा है. कागजों पर इन कंपनियों के डिजाइन अच्छे लग रहे हैं, लेकिन हमें यह भी जानना चाहिए कि वे ठीक से काम करते हैं या नहीं। इससे उन्हें देश की परमाणु निगरानी संस्था ‘परमाणु उर्जा विनियामक बोर्ड’ से भी अनुमति मिलने में आसानी होगी.” भारत की विशेषज्ञता प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रियेक्टरों में है, जबकि विदेशी कंपनियां जो संयंत्र बना रही हैं, वे लाइट वाटर रियेक्टर हैं.
दोनों संयंत्र एक-दूसरे से कुछ अलग होते हैं. दिलचस्प बात यह है कि कुडनकुलम में रुस द्वारा लगाई गयी इकाई एक और दो दोनों ही ‘वीवीईआर’ तकनीक पर आधारित हैं. भारतीय परमाणु उर्जा निगम (एनपीसीआईएल) के साथ फिलहाल बातचीत कर रही ईडीएफ का कहना है कि उसने संदर्भ संयंत्र के रुप में फ्लैमनविले परमाणु उर्जा संयंत्र -3 की जानकारी दी है.
फ्रांस की सरकारी कंपनी ईडीएफ का कहना है कि 1630 मेगावाट क्षमता वाला फ्लैमनविले संयंत्र अगले वर्ष से उत्पादन शुरु कर देगा. हालांकि सूत्रों का कहना है कि संयंत्र में उत्पादन शुरु होने में अभी थोडा वक्त लग सकता है. ईडीएफ चीन के ताइशान में भी एक ईपीआर का निर्माण कर रही है और उसमें उत्पादन फ्लैमनविले से पहले शुरु होने की संभावना है.
सरकारी अधिकारी का कहना है कि एनपीसीआईएल आशा करती है कि दोनों पक्षों के बीच समझौते को अंतिम रुप देने से पहले ही दोनों कंपनियां अपने संदर्भ संयंत्र दिखाने की स्थिति में होंगी. वर्तमान में इन दोनों कंपनियों के साथ प्रौद्योगिकी-व्यावसायिक स्तर पर वार्ता हो रही है.