हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर ट्विटर जंग: भिडे कुमार विश्वास और किरण रिजिजू
नयी दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए बनने वाले 2 बांधों में 450 करोड़ रुपये के घोटाले में नाम आने के बाद से ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू पर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है. कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी रिजिजू पर हमलावर तेज कर दिया […]
नयी दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए बनने वाले 2 बांधों में 450 करोड़ रुपये के घोटाले में नाम आने के बाद से ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू पर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है. कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी रिजिजू पर हमलावर तेज कर दिया है. पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने ट्विटर पर रिजिजू पर जमकर प्रहार किया. वहीं रिजिजू ने भी अपना बचाव करते हुए विश्वास को जवाब दिया.
दोनों के बीच ट्विटर पर जमकर बहस हुई. कुमार विश्वास ने रिजिजू की तुलना रॉबर्ड वाड्रा से करते हुए ट्वीट किया कि कांग्रेस से भाजपा ये सिर्फ एक यात्रा है जीजू से रिजिजू की… वहीं रिजिजू ने भी ट्वीट के जरिए जवाब देते हुए कहा कि सब कुछ कांग्रेस के समय में हुआ… अपने ट्वीट में विश्वास ने रिजिजू को भी टैग किया….
Sir @KirenRijiju ,be it Jiju or Rijiju,You ppl r lucky enough to get out of everything so quickly. But "We The People" starve for justice🙏 https://t.co/ZT9uOq7Iw3
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) December 13, 2016
कांग्रेस ने घोटाले में रिजिजू को घेरा
कांग्रेस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू पर अरुणाचल प्रदेश में बिजली परियोजना से संबंधित बिल पास करवाने में बिजली मंत्रालय को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री से रिजिजू की बरखास्तगी की मांग की है. हालांकि, रिजिजू ने दावा किया कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, जिसने भी ये खबर छपवाई है, यदि वह हमारे इलाके में आ जाये, तो उसे जूतों से मारेंगे.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली में कथित बातचीत का एक ऑडियो टेप और उस पत्र को जारी किया, जिसमें केंद्रीय मंत्री ने भुगतान जारी करने की सिफारिश की थी. उन्होंने पीएम मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पारदर्शिता लाने के उनके बड़े-बड़े दावे औंधे मुंह गिरे हैं. व्यापमं, ललितगेट एवं विजय माल्या के मामले सहित अन्य घोटालों में भी ऐसा ही हुआ था. सीबीआइ को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जांच एजेंसी मोदी सरकार के हाथों की कठपुतली बन गयी है. सतर्कता अधिकारी की रिपोर्ट के बावजूद मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की. आरोपाें पर पलटवार करते हुए गृह राज्य मंत्री रिजिजू ने कहा कि मैंने बिजली मंत्री को तब पत्र लिखा, जब अरुणाचल पश्चिम में मेेरे संसदीय क्षेत्र के लोगों ने लंबित बिलों के बाबत मुझे ज्ञापन सौंपे.
क्या लगा है आरोप
खबरों में दावा किया गया था कि रिजिजू और उनके संबंधी (रिश्ते में भाई)अरुणाचल में कांट्रेक्टर का काम करनेवाले गोबोई रिजिजू के अलावा सरकारी उपक्रम एनइइपीसीओ के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक समेत कई अफसरों का नाम पीएसयू के मुख्य सतर्कता अधिकारी सतीश वर्मा की 129 पन्नों की रिपोर्ट में आया है. आरोप है कि 600 मेगावॉट की कमांग जलविद्युत परियोजना के लिए दो बांधों के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. रिपोर्ट इस साल जुलाई माह में सीबीआइ, सीवीसी व ऊर्जा मंत्रालय को भेजी गयी थी. इसमें कथित तौर पर सरकार को 450 करोड़ रुपये तक का चूना लगाने का आरोप लगा था.
यदि मोदी जी को अपनी कही गयी बातों पर यकीन है, तो उन्हें रिजिजू को हटा देना चाहिए या उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए, ताकि निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच हो सके, सच सामने आये.
रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस
कांग्रेस अपने ‘पापों’ के लिए केंद्रीय मंत्री पर ठीकरा फोड़ रही है, जब उक्त परियोजना को मंजूरी मिली, उस वक्त कांग्रेस की ही सरकार थी.
श्रीकांत शर्मा, भाजपा