नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उन्होंने देश की व्यवस्था को कालाधन और भ्रष्टाचार से मुक्त करने के काम को अपने एजेंडे में काफी ऊंचे स्थान पर रखा है. मोदी ने साथ में यह भी कहा कि सरकार देश में रोजगार व स्व-रोजगार के अवसरों के सृजन में तेजी लाने के प्रयास कर रही है. मोदी ने कुआलालंपुर में आयोजित एकोनामिक टाइम्स एशियन बिजनेस लीडर्स कानक्लेव 2016′ को वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारत फिलहाल आर्थिक बदलाव से गुजर रहा है. हम अब डिजिटल और नकद रहित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं.’ सम्मेलन को मलेशियाई समकक्ष नजीब रज्जाक ने भी संबोधित किया.
देश में 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी के आठ नवंबर अपने फैसले के संदर्भ में मोदी ने कहा, ‘‘इस समय कालाधन तथा भ्रष्टाचार से व्यवस्था को मुक्त करने का काम मेरे एजेंडे में बहुत ऊपर है.’ उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक प्रक्रिया ऐसी गतिविधयों की ओर आगे बढी हैं जो रोजगार या स्व-रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों से कहा कि अधिक-से-अधिक एफडीआई आकर्षित करने के लिए कई पहल किये गये हैं और इस दिशा में उठाये गये विभिन्न कदमों का जिक्र किया.
उन्होंने यह भी कहा कि वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन किये गये हैं और इसे संसद की मंजूरी मिल गयी है तथा इसके 2017 से लागू होने की उम्मीद है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में व्यापक सुधार होंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘हम उन लोगों का स्वागत करते हैं जो अब तक भारत में नहीं हैं. भारत न केवल एक अच्छा गंतव्य है बल्कि भारत में रहने का फैसला हमेशा अच्छा रहता है.’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने एफडीआई के लिए कई क्षेत्रों को खोला है और मौजूदा क्षेत्रों के लिए सीमा बढ़ायी है.’ मोदी ने यह भी कहा कि सरकार का एफडीआई नीति में बड़े सुधार को लेकर समन्वित प्रयास जारी है और निवेश के लिए शर्तों को सरल बनाया गया है.’ उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में कुल एफडीआई प्रवाह 130 अरब डालर पहुंच गया.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत में नीति, नियामकीय तथा निवेश माहौल में सकारात्मक बदलाव को घरेलू और विदेशी निवेशकों ने स्वीकार किया है.’ ‘मेक इन इंडिया’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस पहल का मकसद देश को विनिर्माण, डिजाइन और नवप्रवर्तन का वैश्विक केंद्र बनाना है. ‘मेक इन इंडिया’ की यह दूसरी वर्षगांठ हैं.