नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 रुपये और 500 रुपये के पुराने नोट चलन से बाहर करने के अपने निर्णय की अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ समीक्षा की और व्यापक नकद रहित लेनदेन सक्षम बनाने के लिए डिजिटलीकरण को गति देने के तरीकों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने शाम को यहां केंद्रीय कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के बाद गत महीने घोषित कदम पर मंत्रियों के साथ चर्चा शुरू की. यह चूंकि एजेंडा में नहीं था, इस मुद्दे को कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के बाद चर्चा के लिए लिया गया.
केंद्र की 30 दिसम्बर की समयसीमा नजदीक आने के मद्देनजर यह बैठक महत्व रखती है जब तक लोग अपने पुराने नोट जमा करा सकते हैं. ऐसा इसलिए कि सरकार विभिन्न तरीकों से बड़ी संख्या में नकद रहित लेनदेन सक्षम बनाने के लिए डिजिटलीकरण में सुधार पर जोर दे रही है. सूत्रों ने बताया कि बैठक का मुख्य जोर डिजिटलीकरण पर रहा. सूत्रों ने बताया कि डिजिटल वालेट सेवा जैसे मुद्दे भी चर्चा के लिए लिये गए.
सरकार इस डिजिटल भुगतान तरीके के दायरे को विस्तारित करना चाहती है ताकि ये मेट्रो स्टेशन और पेट्रोल पंप जैसे अधिक स्थानों पर स्वीकार किये जा सकें. भारत को बिना नकदी वाली अर्थव्यवस्था में तब्दील करने के तरीकों का अध्ययन करने के लिए सचिवों की तीन सदस्यीय समिति पहले ही गठित की जा चुकी है.