सर्वे मामले में बैकफुट पर ”आप”, दिया स्पष्टीकरण
नयी दिल्ली: आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल और पार्टी की एक अन्य नेता शाजिया इल्मी द्वारा ट्रांसपरेन्सी इंटरनेशनल के एक सर्वे के हवाले से दिल्ली में भ्रष्टाचार में कमी आने का दावा करने और एजेन्सी द्वारा ऐसा कोई सर्वे कराने से इंकार करने से पैदा हुए हालात से असमंजस में आने के बाद पार्टी […]
नयी दिल्ली: आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल और पार्टी की एक अन्य नेता शाजिया इल्मी द्वारा ट्रांसपरेन्सी इंटरनेशनल के एक सर्वे के हवाले से दिल्ली में भ्रष्टाचार में कमी आने का दावा करने और एजेन्सी द्वारा ऐसा कोई सर्वे कराने से इंकार करने से पैदा हुए हालात से असमंजस में आने के बाद पार्टी ने आज स्पष्टीकरण दिया कि उसे सर्वे के बारे में गलत जानकारी दी गयी थी. आप की नेता शाजिया को एक सर्वे के बारे में पता चला था जिसमें कहा गया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार के सत्ता में आने के बाद दिल्ली में भ्रष्टाचार में भारी कमी आयी है.
पार्टी ने यहां जारी एक वक्तव्य में कहा, ‘‘चूंकि यह सूचना एक ऐसे व्यक्ति से मिली थी जो ट्रांसपरेन्सी इंटरनेशनल का कर्मचारी है, इसलिये उन्होंने मान लिया कि वह ट्रांसपरेन्सी इंटरनेशनल का सर्वे है.’’ शाजिया द्वारा अखबार में दिये वक्तव्य के मद्देनजर केजरीवाल ने कल सीआईआई में अपने भाषण में कहा था कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद दिल्ली में भ्रष्टाचार में कमी आयी थी.वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘जब हमें पता चला कि उस सर्वे का ट्रांसपरेन्सी इंटरनेशनल से कोई लेना देना नहीं है और शाजिया का सूत्र ट्रांसपरेन्सी इंटरनेशनल छोड चुका है. हम इस गलती के लिये खेद प्रकट करते हैं.’’ शाजिया ने हालांकि कहा कि एक तटस्थ एजेन्सी ने सर्वे किया है जिसमें पता चला है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के सत्ता में आने के बाद दिल्ली में भ्रष्टाचार में कमी आयी है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘निश्चित तौर पर एक निष्पक्ष एजेन्सी द्वारा सर्वे किया गया जिसमें कहा गया है कि एके के 49 दिनों में दिल्ली साफ और कम भ्रष्ट थी. यह सर्वे जल्दी ही सामने आयेगा. ’’ ट्रांसपरेन्सी इंटरनेशनल ने भी शाजिया के दावे का खंडन किया है. सपरेन्सी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक आशुतोष कुमार मिश्र ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘शाजिया द्वारा दी गयी सूचना तथ्यात्मक तौर पर गलत है. हमने दिल्ली में भ्रष्टाचार को लेकर ऐसा कोई सर्वे नहीं किया है और ऐसे में इस तरह की कोई प्रकाशित एवं अप्रकाशित रिपोर्ट का सवाल ही नहीं उठता.’’