उच्चतम न्यायालय में इतालवी मरीन के मामले में सुनवाई टली

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र सरकार से कहा कि भारत के दो मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली के दो मरीन के खिलाफ समुद्री लुटेरे निरोधक कानून लगाये जाने के मामले में बारे में स्थिति स्पष्ट की जाये. इन मछुआरों की 2012 में केरल के तट से दूर गहरे समुद्र में गोली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2014 6:12 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र सरकार से कहा कि भारत के दो मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली के दो मरीन के खिलाफ समुद्री लुटेरे निरोधक कानून लगाये जाने के मामले में बारे में स्थिति स्पष्ट की जाये. इन मछुआरों की 2012 में केरल के तट से दूर गहरे समुद्र में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. न्यायमूर्ति बी एस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्र सरकार को इस मामले में 24 फरवरी तक स्थिति स्पष्ट करने के लिये अंतिम अवसर दिया. न्यायालय इस मामले में अब 24 फरवरी को आगे सुनवाई करेगा.

न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘हम इस मामले पर फैसले के लिये केंद्र सरकार के निर्णय के बारे में जानना चाहते हैं.’’अटार्नी जनरल गुलाम वाहनवती ने कहा कि सरकार इस मसले पर कानून मंत्रालय की राय का इंतजार कर रही है और उम्मीद है कि यह शुक्रवार तक मिल जायेगी. इतालवी सरकार और दोनो मरीन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद केंद्र सरकार इस मामले में आगे नहीं बढ़ सकी है. उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार का निर्णय होने तक उनके मुवक्किलों को अपने देश लौटने की इजाजत दी जाये.

इस पर न्यायालय ने कहा कि 24 फरवरी को मामले पर सुनवाई की जायेगी. न्यायालय दोनों मरीन के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून एसयूए लगाये जाने को चुनौती देने वाली इटली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इटली सरकार का कहना है कि यह शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ है जिसने इस मामले में समुद्री क्षेत्र कानून, भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और यूएनसीएलओएस के तहत कार्यवाही की अनुमति दी थी. इटली के राजदूत डेनियल मनसिनी और दोनों मरीन मैसीमिलियानो लटोरे और सल्वाटोर गिरोने की संयुक्त याचिका में इस मुकदमे की सुनवाई तेजी से करने का केंद्र और राष्ट्रीय जांच एजेन्सी को निर्देश देने या फिर उन्हें आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया गया है.

Next Article

Exit mobile version