गंगा में बढ़ रहा है घातक ‘सुपरबग’
लंदन : भारतीय अनुसंधानकर्ताओं समेत वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि गंगा नदी में एंटीबायटिक रोधी सुपरबग हैं और गंगा किनारे बसे शहरों में वार्षिक उत्सवों के दौरान इन बैक्टीरिया का स्तर 60 गुना तक बढ़ जाता है. न्यूकैसल यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन और दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-दिल्ली) के विशेषज्ञों ने हिमालय के मैदानी क्षेत्रों […]
लंदन : भारतीय अनुसंधानकर्ताओं समेत वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि गंगा नदी में एंटीबायटिक रोधी सुपरबग हैं और गंगा किनारे बसे शहरों में वार्षिक उत्सवों के दौरान इन बैक्टीरिया का स्तर 60 गुना तक बढ़ जाता है.
न्यूकैसल यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन और दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-दिल्ली) के विशेषज्ञों ने हिमालय के मैदानी क्षेत्रों में उपरी गंगा नदी के किनारे बसे सात स्थानों से पानी और तलछट के नमूने लिये. उन्होंने देखा कि मई, जून में जब हजारों तीर्थयात्री हरिद्वार और रिषीकेश जाते हैं तो ‘सुपरबग’ को बढ़ावा देने वाले प्रतिरोधी जीन का स्तर साल के और महीनों से करीब 60 गुना बढ़ा पाया गया.
टीम ने कहा कि महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों पर कचरा प्रबंधन को और दुरस्त करके खतरनाक बैक्टीरिया को बढ़ाने वाले प्रतिरोधी जीन को फैलने से रोका जा सकता है. न्यूकैसल यूनिवर्सिटी में पर्यावरण मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर डेविड ग्राहम ने कहा, ‘‘हमने ब्लाएनडीएम-1 नाम के विशेष प्रतिरोधक जीन का अध्ययन किया जो कई बैक्टीरिया में अत्यंत प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. इसलिए हमें समझना चाहिए कि यह जीन पर्यावरण में कैसे फैलता है.’’