देहरादून : बाबा रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड’ एक बार फिर से विवादों में फंसती नजर आ रही है. ‘पतंजलि’ को मिस ब्रैंडिंग एवं भ्रामक प्रचार के पांच मामलों में दोषी पाए जाने पर एडीएम हरिद्वार (न्याय निर्णायक अधिकारी) ने ‘पतंजलि’ आयुर्वेद की पांच उत्पादन यूनिटों पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है. ‘पतंजलि’, जिसका टर्नओवर फिलहाल 5 हजार करोड़ है, अगले वित्तीय वर्ष तक इसे 10 हजार करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है.
बुधवार को हरिद्वार में एक स्थानीय अदालत ने रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद की पांच उत्पादन इकाइयों पर उसके उत्पादों के ‘‘गलत प्रचार एवं भ्रामक विज्ञापन’ के मामले में 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. एडीएम ललित नारायण मिश्रा की अदालत ने कंपनी से एक माह के भीतर जुर्माना भरने को कहा.
अदालत ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद को गलत प्रचार का दोषी पाया गया क्योंकि कंपनी ने दर्शाया है कि उसके उत्पादों का उत्पादन उसकी अपनी इकाइयां करती हैं जबकि उनका निर्माण कहीं और होता है. जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने वर्ष 2012 में कंपनी के खिलाफ अदालत में एक मामला दर्ज कराया था.
यह मामला पतंजलि द्वारा उत्पादित सरसों के तेल, नमक, अनानास जैम, बेसन एवं शहर के रद्रपुर प्रयोगशाला में गुणवत्ता परीक्षण में असफल रहने के बाद दर्ज कराया गया था.