संसद में हंगामे से आहत हैं आडवाणी, मन करता है लोकसभा से इस्तीफा दे दें

नयी दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र पूरी तरह से नोटबंदी के मुद्दे कीलगभग भेंट चढ़ चुका है. गुरुवार को भी लोकसभा नहीं चली. नोटबंदी के मामले को लेकर लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ जिसके बाद स्पीकर ने कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी. इस सबसे सबसे बुजुर्ग राजनेता लालकृष्ण आडवाणी काफी आहत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2016 1:16 PM

नयी दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र पूरी तरह से नोटबंदी के मुद्दे कीलगभग भेंट चढ़ चुका है. गुरुवार को भी लोकसभा नहीं चली. नोटबंदी के मामले को लेकर लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ जिसके बाद स्पीकर ने कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी. इस सबसे सबसे बुजुर्ग राजनेता लालकृष्ण आडवाणी काफी आहत हो गये हैं. वे आज सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी अंदर बैठे रहे और उन्होंने राजनाथसिंह को इस संबंध में समझाया भी. आहत, आडवाणी ने कहा है कि मन करता है इस्तीफा दे दूं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर बिना चर्चा किए अगर लोकसभा शुक्रवार को अनिश्चिकाल के लिए स्थगित होती है, तो संसद हार जाएगी और हम सब की बहुत बदनामी होगी. उधर, राज्यसभा की कार्यवाही आज दो बार स्थगित हो चुकी है. हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाहीदो बजे तक के लिए स्थगित होने के बाद पुन: शुरू होने पर सदन में हंगामा हुआ अौर उपसभापति पीजे कुरियन ने उच्च सदन की कार्यवाही भी शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने से वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी व्यथित दिखे. सदन के स्थगित होने के बाद भी व्यथित आडवाणी लोकसभा में बैठे रहे. उन्होंने स्मृति इरानी और राजनाथ सिंह से बात की और कहा कि कम-से-कम अंतिम दिन संसद चलाने की कोशिश होनी चाहिए. आडवाणी ने कहा कि स्पीकर को दोनों पक्षों के नेताओं को बुलाकर बात करनी चाहिए.

लोकसभा में पिछले करीब तीन सप्ताह से जारी गतिरोध पर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का आक्रोश फिर से फूट पडा और उन्होंने कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा किए बिना यदि कल लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी तो ‘‘संसद हार जाएगी और हम सब की बहुत बदनामी होगी.’

आडवाणी ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद आक्रोश जताते हुए कुछ अन्य दलों के सदस्यों के साथ बातचीत में कहा, ‘‘ मेरा तो मन कर रहा है कि इस्तीफा दे दूं.’ उन्होंने कहा, ‘‘सदन में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा जरूर होनी चाहिए.’ भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘ चर्चा जरूर करें और कल चर्चा कर शांति से सदन को स्थगित कर दें बिना किसी जीत हार के.’

उन्होंने कहा, ‘‘सब को लगी है , मैं जीतूं, मैं जीतूं लेकिन यदि कल भी ऐसे ही हंगामे के बीच सदन स्थगित हो गया तो संसद हार जाएगी और हम सब की बहुत बदनामी होगी.’ विमुद्रीकरण के मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही करीब सवा 12 बजे स्थगित होने के बाद भी आडवाणी सदन में करीब 20 मिनट तक गंभीर चिंतन की मुद्रा में बैठे रहे. सदन स्थगित होने पर तृणमूल कांग्रेस के इदरिस अली उनकी सीट पर गए और उन्हें प्रणाम किया.

इस बीच विपक्ष के कुछ ओर सदस्य भी आडवाणी की सीट के पास आ गए. पत्रकार गैलरी में मौजूद पत्रकारों ने इदरिस अली के साथ बातचीत में आडवाणी को यह कहते हुए सुना कि उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से कहा था कि मेरा नाम लेकर लोकसभा अध्यक्ष से कहिए कि सत्ता पक्ष और कांग्रेस की ओर से किसी एक नेता को आज बुला लें और यह तय कर लें कि कल सदन चले.

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