संसद का शीत सत्र संपन्न : स्पीकर सुमित्रा महाजन बोलीं लोकसभा के 91 घंटे 59 मिनट हुए बर्बाद, गंभीर दिखे मोदी

नयी दिल्ली : संसद के दोनों सत्र लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी. राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने से पहले जहां सभापति सह उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सदन ठीक ढंग से नहीं चलने पर नाराजगी जतायी, वहीं लोकसभा की कार्यवाही नहीं चलने पर अध्यक्ष सुमित्रा महजान ने अफसोस जताया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2016 2:38 PM

नयी दिल्ली : संसद के दोनों सत्र लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी. राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने से पहले जहां सभापति सह उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सदन ठीक ढंग से नहीं चलने पर नाराजगी जतायी, वहीं लोकसभा की कार्यवाही नहीं चलने पर अध्यक्ष सुमित्रा महजान ने अफसोस जताया और उम्मीद जतायी कि आने वाले दिनों में सदन के सदस्यों का उन्हें कार्यवाही संचालन में सहयोग मिलेगा. कार्यवाही के स्थगन से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में हुए कामकाज व बर्बाद हुए समय का भी ब्यौरा प्रस्तुत किया. इस दौरान सदन के अंदर प्रधानमंत्री व सदन के नेता नरेंद्र मोदी,गृहमंत्री राजनाथ सिंह,भाजपा के वरिष्ठ सांसद लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी, संसदीय कार्य मंत्री अनंद कुमार सहित तमाम प्रमुख नेता मौजूद थे. स्पीकर महाजन के संबोधन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद गंभीर मुद्रा में नजर आये. स्पीकर महाजन ने बताया कि संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा की कार्यवाही 19 घंटे चली, जबकि कार्य व्यवधान के कारण 91 घंटे 59 मिनट बर्बाद हुए.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि इस दौरान दो विधेयक लोकसभा में पारित हुए : एक आयकर संशोधन विधेयक और दूसरा आज पारित हुआ नि:शक्त व्यक्ति अधिकार विधेयक. स्पीकर ने बताया कि मौजूदा सत्र के दौरान प्रतिदिन 2.3 प्रश्नों के मौखिक (तारांकित प्रश्न के) उत्तर सदन में दिये गये. उन्होंने बताया कि 440 तारांकित प्रश्न जवाब के लिए सूचीबद्ध हुए थे, जिसमें 50 के जवाब दिये जा सके. जबकि सदन के पटल 5060 प्रश्नों (अतारांकित प्रश्न के) लिखित उत्तर रखे गये. उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण के मुद्दे पर नियम 193 के तहत अल्पकालीन चर्चा सूचीबद्ध हुई और शुरू हुई, लेकिन यह पूरी नहीं हो सकी.

स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि सरकार की ओर से सदन में 47 वक्तव्य रखे गये. चार वक्तव्य संसदीय कार्य मंत्री ने सरकार के कामकाज के संबंध में दिये. उन्होंने कहा कि 1472 पत्र सदन के पटल पर रखे गये. इसी तरह उन्होंने सदन में उठाये गये मामलों की भी जानकारी दी.

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