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मनमोहन ने 10 साल तक कालेधन व भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ नहीं किया : नरेंद्र मोदी

नयीदिल्ली : नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र के लगभग हंगामे की भेंट चढनेे के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहले की सरकार के समय घोटाले होते थे और विपक्ष इसका विरोध करता था, लेकिन इस सरकार ने कालाधन को समाप्त करने का मिशन आगे बढाया है तो विपक्ष इसका विरोध […]

नयीदिल्ली : नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र के लगभग हंगामे की भेंट चढनेे के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहले की सरकार के समय घोटाले होते थे और विपक्ष इसका विरोध करता था, लेकिन इस सरकार ने कालाधन को समाप्त करने का मिशन आगे बढाया है तो विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले की सरकार : संप्रग : के समय घोटाले होते थे और विपक्ष इसका विरोध करता था. लेकिन अभी की सरकार (राजग) ने कालाधन को समाप्त करने का मिशन आगे बढाया है और विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के अनुसार प्रधानमंत्री ने लोगों से अपनी जीवनशैली के रूप में डिजिटल अर्थव्यवस्था का उपयोग करने का आग्रह किया जो भ्रष्टाचार और कालाधन को समाप्त करने में कारगर होगा. मोदी ने कहा ‘‘इससे लेनदेन प्रभावी और पारदर्शी बनेगा.’ प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि इससे पहले, विपक्षी दल 2 जी, कोलगेट जैसे घोटालों को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद होते थे लेकिन अब विपक्ष कालेधन और भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए सरकार के प्रयास के खिलाफ एकजुट है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए पार्टी का हित देशहित से ऊपर है लेकिन भाजपा के लिए देश हित सर्वोच्च है.

भाजपा संसदीय दल की बैठक में कालाधन के मामलों को देखने के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने में पूर्ववर्ती सरकार की विफलता का विषय भी उठा. कुमार ने अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बांग्लादेश मुक्ति संग्राम से जुड़ा विजय दिवस है और उस समय विपक्ष ने इसका कोई सबूत नहीं मांगा था लेकिन आज सबूत मांगे (सेना के अभियान के बारे में) जा रहे हैं.

नोटबंदी का विरोध करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ कड़े कदम उठाने की वकालत की थी लेकिन 10वर्षों के शासन के दौरान कुछ नहीं किया. उन्होंने इस संदर्भ में दिग्गज वामपंथी नेता दिवंगत हरकिशन सिंह सुरजीत का जिक्र करते हुए अपनी सरकार के कदम का समर्थन किया. अनंत कुमार के अनुसार, मोदी ने कहा कि 70 के दशक के प्रारंभ में वांगचू समिति ने नोटबंदी की सिफारिश की थी और उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. उन्होंने याद दिलाया कि वरिष्ठ वामपंथी नेता ज्योर्तिमय बसु ने इसे तेजी से लागू करने की मांग की थी. उन्होंने कहा, ‘‘ वांगचू समिति ने कहा था कि इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. अब इसके 45 वर्ष गुजरने के बाद नोटबंदी हुई है और कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. वामदलों ने भी कांग्रेस से हाथ मिला लिया है. ‘ कांग्रेस को भ्रष्टाचार के पक्षधर केरूप में पेश करते हुए मोदी ने कहा कि उसने 1988 में बेनामी संपत्ति संबंधी कानून बनाया लेकिन इसके नियमों एवं नियमन को अधिसूचित नहीं किया ताकि इसे प्रभावी बनाया जा सकता. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमारे लिए देशहित सर्वोपरि है और यह पार्टी हित से ऊपर है. कांग्रेस के लिए पार्टी का हित देश के हित से ऊपर है. ‘

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