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PM ने कहा – 45 साल पहले आया था नोटबंदी का प्रस्ताव, सरकार ने नहीं दिखायी हिम्मत

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व की सरकारों में भी नोटबंदी को लेकर चर्चा हुई थी लेकिन तत्कालीन सरकार ने हिम्मत दिखा नहीं पायी. उन्होंने वांगचू समिति का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘ वांगचू समिति ने कहा था कि इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व की सरकारों में भी नोटबंदी को लेकर चर्चा हुई थी लेकिन तत्कालीन सरकार ने हिम्मत दिखा नहीं पायी. उन्होंने वांगचू समिति का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘ वांगचू समिति ने कहा था कि इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. अब इसके 45 वर्ष गुजरने के बाद नोटबंदी हुई है और कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 1971 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय में भी नोटबंदी का प्रस्ताव आया था. लेकिन उस दौरान सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने चुनाव हार के डर से इसे लागू नहीं किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के फैसले को 1971 में ही लागू किया जाना था. तत्कालीन वित्त मंत्री वाइ बी चौहान इंदिरा गांधी से इस नोटबंदी के फैसले लागू करने को लेकर बात भी की थी लेकिन इंदिरा ने कहा कि अगर नोटबंदी लागू हो जाये तो हम चुनाव में हार जायेंगे. नरेंद्र मोदी भाजपा संसदीय दल के बैठक को संबोधित कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर इकोनॉमी कैशलेस होती है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा आमलोगों को होगा. बैंक छोटे कारोबारियों को लोन नहीं देती है लेकिन जब उनके अकाउंट में पैसे होंगे तो बैंक आसानी से कर्ज देने लगेगी.

वामदलों पर प्रधानमंत्री ने साधा निशाना
कांग्रेस पर देशहित से उपर पार्टी हित को रखने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पहले की सरकार के समय घोटाले होते थे और विपक्ष इसका विरोध करता था, लेकिन इस सरकार ने कालाधन, भ्रष्टाचार को समाप्त करने का मिशन आगे बढाया है तो विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. मोदी ने वामदलों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे अपनी विचारधारा को तिलांजलि दे रहे हैं. उन्होंने नोटबंदी के समर्थन में रहे दिग्गज वामपंथी नेताओं दिवंगत हरकिशन सिंह सुरजीत और ज्योर्तिमय बसु की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए वामदलों पर कांग्रेस का पक्ष लेने पर निशाना साधा.
नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र के लगभग हंगामे की भेंट चढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों की आलोचना को बेइमानों और भ्रष्ट लोगों के समर्थन के रुप में पेश किया. भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले की सरकार . संप्रग के समय घोटाले होते थे और विपक्ष इसका विरोध करता था। लेकिन अभी की सरकार .
राजग ने कालाधन को समाप्त करने का मिशन आगे बढाया है और विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. नोटबंदी का विरोध करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ कड़े कदम उठाने की वकालत की थी लेकिन 10 वर्षों के शासन के दौरान कुछ नहीं किया. मोदी ने 1991 में दिये गये मनमोहन सिंह के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने (सिंह ने) एक बार कर चोरी करने वालों के बारे में खतरे की भाषा का उपयोग किया था लेकिन आज उनकी आवाज पूरी तरह से बदल गई है. मोदी ने सवाल किया, ‘‘ क्यों ? क्योंकि उन्हें अपनी पार्टी की चिंता है, देश की नहीं.
‘ प्रधानमंत्री ने कालाधन के खिलाफ कार्रवाई के अभाव को लेकर तत्कालीन संप्रग सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमारे देश में संसद में व्यवधान के कारण कार्यवाही नहीं चल पा रही है. इस बार यह ज्यादा लंबा है. प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि इससे पहले, विपक्षी दल 2 जी, कोलगेट जैसे घोटालों को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद होते थे लेकिन अब विपक्ष कालेधन और भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए सरकार के प्रयास के खिलाफ एकजुट है.

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