खेमका के एलटीसी मामले में हरियाणा के मुख्य सचिव के आदेश पर कैट ने लगाई रोक

चंडीगढ : केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की एक पीठ ने वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अशोक खेमका की मां के लिए मंजूर किये गये ‘लीव ट्रैवल कंसेशन’ (एलटीसी) को निरस्त करने के हरियाणा के मुख्य सचिव के आदेश पर रोक लगा दी है. न्यायिक सदस्य संजीव कुमार कौशिक और प्रशासनिक सदस्य उदय कुमार वर्मा की कैट की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2016 8:04 PM

चंडीगढ : केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की एक पीठ ने वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अशोक खेमका की मां के लिए मंजूर किये गये ‘लीव ट्रैवल कंसेशन’ (एलटीसी) को निरस्त करने के हरियाणा के मुख्य सचिव के आदेश पर रोक लगा दी है. न्यायिक सदस्य संजीव कुमार कौशिक और प्रशासनिक सदस्य उदय कुमार वर्मा की कैट की खंडपीठ ने कल खेमका की ओर से दाखिल आवेदन पर सुनवाई करते हुए स्थगन आदेश जारी किया.

पीठ ने मुख्य सचिव के साथ ही कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के माध्यम से केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी किये. इन दोनों को खेमका द्वारा उठाये गये मुद्दे पर 20 जनवरी, 2017 तक जवाब देना है. खेमका ने एक जून और 29 नवंबर के मुख्य सचिव के आदेश को चुनौती दी है. मुख्य सचिव के आदेश में अधिकारी की मां द्वारा 12 दिसंबर, 2013 से 30 अप्रैल, 2013 तक उनके गृहनगर कोलकाता जाने के लिए एलटीसी के रुप में 12,397 रपये की पूर्व मंजूरी को वापस ले लिया था.

मुख्य सचिव ने खेमका को एलटीसी में दी गयी राशि को एक महीने में जमा करने का निर्देश दिया था. कैट के समक्ष खुद दलील देते हुए खेमका ने कहा कि मुख्य सचिव ने सीसीएस (एलटीसी) नियमों के नियम 18 के प्रावधान को नहीं समझा जो किसी विशेष मामले में अनुचित कठिनाइयों की स्थिति में नियमों में ढील की अनुमति सरकार को देता है.

खेमका ने कहा कि मुख्य सचिव ने यात्रा को 20 दिन बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य आधार को भी नहीं समझा. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के आदेश से नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है और यह आदेश पारित किये जाते समय उन्हें अपनी बात रखने का कोई अवसर नहीं दिया गया.

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