नयी दिल्ली: सरकार ने आज कहा कि तमिल मछुआरों का मामला केवल कुछ दलों या सदस्यों का नहीं है बल्कि पूरे भारत का है और केंद्र इसके समाधान के लिए श्रीलंका के साथ लगातार प्रयास कर रहा है.
लोकसभा में आज शून्यकाल के दौरान विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया और सरकार से मांग की कि तमिल मछुआरों के साथ श्रीलंकाई नौसेना की बर्बरता को बंद कराने के लिए तुरंत कारगर कदम उठाए जाएं.संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि इस मुद्दे पर सदस्यों की चिंताओं से वह पूरी तरह सहमत हैं और समस्या के समाधान के लिए सरकार के प्रयास जारी हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों के चलते ही कई तमिल मछुआरे श्रीलंकाई जेलों से रिहा हुए हैं. श्रीलंका सरकार के साथ इस मुद्दे को पूर्व में भी उठाया गया है और अभी भी उठाया जा रहा है. कमलनाथ ने कहा कि सरकार के प्रयास हैं कि भविष्य में इसका स्थायी समाधान हो और तमिल मछुआरों को कठिनाइयों का सामना नही करना पड़े.विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि इस मुद्दे को ‘तमिल मछुआरों ’का मुद्दा न बताकर ‘भारत के मछुआरों’ का मुद्दा कहा जाना चाहिए और श्रीलंकाई नौसेना द्वारा उनके साथ किए जा रहे अन्याय और अत्याचारों को बंद करवाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होनी चाहिए.