दोषियों की रिहाई रोकने की संभावनाएं तलाश रहे अन्य पीड़ितों के परिजन

चेन्नई: आत्मघाती बम हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ जान गंवाने वाले अन्य पीड़ितों के परिजन भी तमिलनाडु सरकार के उस निर्णय के खिलाफ हैं जिसमें इस मामले के सात दोषियों को जेल से रिहा करने का फैसला किया गया है. पीड़ितों के परिजन दोषियों की रिहाई ‘‘रोकने’’ के लिए ‘‘संभावनाएं तलाश रहे’’ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2014 11:03 PM

चेन्नई: आत्मघाती बम हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ जान गंवाने वाले अन्य पीड़ितों के परिजन भी तमिलनाडु सरकार के उस निर्णय के खिलाफ हैं जिसमें इस मामले के सात दोषियों को जेल से रिहा करने का फैसला किया गया है. पीड़ितों के परिजन दोषियों की रिहाई ‘‘रोकने’’ के लिए ‘‘संभावनाएं तलाश रहे’’ हैं.

राजीव गांधी के साथ मारे गए कांग्रेस नेता ‘लीग’ मुनुसामी के बेटे ‘लीग’ एम मोहन ने कहा, ‘‘उनका कहना है कि दोषी तमिल हैं. तो क्या हम तमिल नहीं हैं ? पीड़ित और पीड़ितों के परिजन तमिल नहीं हैं?’’ उन्होंने यह भी कहा कि इससे गलत परंपरा की शुरुआत होगी. एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में मोहन ने कहा, ‘‘हम पीड़ितों के परिजन आपस में संपर्क में हैं. हम देख रहे हैं कि क्या रिहाई रोकने के लिए कुछ किया जा सकता है.’’

साल 1991 में 18 वर्ष की उम्र में अपने पिता को खो चुके जावेद इकबाल ने कहा कि यदि दोषी सजा ही नहीं काटेंगे तो हमें न्याय कैसे मिलेगा ? जावेद के पिता टीकेएस मोहम्मद इकबाल कांचीपुरम जिले के पुलिस अधीक्षक की हैसियत से राजीव गांधी को श्रीपेरंबदूर लेकर गए थे. जावेद ने कहा, ‘‘अपने पिता के बगैर हमारी जिंदगी काफी मुश्किल हो गयी. अपने पिता के प्यार और समर्थन के बगैर मैंने और मेरे परिवार ने काफी संघर्ष किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने देश के कानूनों का मतलब समझ में नहीं आता.’’

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