भारत में भी पेरिस जैसा हमला करना चाहता था ISIS, भारी मात्रा में मिले विस्फोटक!
नयी दिल्ली : साल 2016 में परिस में हुए हमले ने पूरी दुनिया को हिला दिया था. कुछ उसी प्रकार का हमला इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के आतंकवादी भारत में भी करना चाहते थे. पेरिस हमलों में आईएसआईएस के आतंकियों द्वारा जिस तरह के विस्फोटक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया था, उसी तरह के तत्वों का […]
नयी दिल्ली : साल 2016 में परिस में हुए हमले ने पूरी दुनिया को हिला दिया था. कुछ उसी प्रकार का हमला इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के आतंकवादी भारत में भी करना चाहते थे. पेरिस हमलों में आईएसआईएस के आतंकियों द्वारा जिस तरह के विस्फोटक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया था, उसी तरह के तत्वों का इस्तेमाल करके आतंकी हमले की कोशिश की जा रही थी. इस मामले में दाखिल एक आरोपपत्र में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आठ लोगों के नाम लिये हैं.
एनआईए ने कहा कि 29 जून को विभिन्न स्थानों पर छापों में कई इलेक्ट्रानिक उपकरण, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल, एयर राइफल और पैलेट आदि जब्त किये गये. इनका इस्तेमाल पेरिस हमलों में इस्तेमाल विस्फोटक सामग्री ट्राइएसिटोन ट्राइपरऑक्साइड (टीएटीपी) को तैयार करने के लिए किया जा सकता है.
आईएसआईएस ने 13 नवंबर, 2015 को पेरिस हमले में टीएटीपी का इस्तेमाल किया था जिसमें 129 लोग मारे गये थे. टीएटीपी को बनाना, इसमें विस्फोट करना आसान होता है. एनआईए को यूरिया, नाइट्रेट विस्फोटक और कैपेसिटर, गैस स्टोव व सिलेंडर, वजन तोलने की मशीन, चाकू और तार के बंडल आदि भी मिले.
इनके खिलाफ है आरोप
आरोपपत्र में जिनके नाम हैं, उनमें अब्दुल्ला बिन अहमद अल आमूदी उर्फ फहाद, मोहम्मद इब्राहिम यजदानी उर्फ अबू अब्दुर्रहमान, हबीब मोहम्मद उर्फ अबू शाइबा, मोहम्मद इलयास यजदानी उर्फ अबू मंसूर, मुजफ्फर हुसैन रिजवान उर्फ अब्दुलहसन, यासिर नैमतुल्ला उर्फ नैमत उल्ला हुसैनी, मोहम्मद अताउल्ला रहमान उर्फ घोस और अब्दुल रउफ उर्फ मोहम्मद अलमा शरीफी हैं.
हैदराबाद में एक विशेष एनआईए अदालत में आईपीसी, विस्फोटक तत्व अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया. इन लोगों पर देश के अनेक हिस्सों में धार्मिक स्थलों और संवेदनशील सरकारी इमारतों समेत सार्वजनिक जगहों पर हमलों के लिए हथियार और विस्फोटक सामग्री एकत्रित करके देश के खिलाफ जंग छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने का आरोप है.
एजेंसी ने कहा कि आरोपियों से मिले इलेक्ट्रानिक उपकरणों के फोरेंसिक विश्लेषण में पता चला कि आईएसआईएस के वीडियो देखकर और अनवर अवलाकी, अब्दुसामी काजमी, मिराज रब्बानी, तौसिफ उर रहमान, जरजीस अंसारी और जाकिर नाइक जैसे चरमपंथी इस्लामी उपदेशकों के व्याख्यानों के जरिये आरोपियों में आनलाइन माध्यमों से कट्टरता बढ़ाने का प्रयास किया गया.