मणिपुर में नाकेबंदी पर केंद्र के तेवर कड़े, अाखिर क्या है समस्या?

इंफाल : मणिपुर में एक नवंबर को सात नये जिले बनाने के बाद से शुरू हुए नाकेबंदी पर केंद्र सरकार ने अपना रुख कड़ा कर लिया है. इस पूरे मामले पर स्वयं गृहमंत्री राजनाथ सिंह नजर रख रहे हैं. केंद्र ने मणिपुर सरकार कोकड़ा संदेश देते हुए आज कहा कि एक नगा समूह के 52 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2016 6:37 PM

इंफाल : मणिपुर में एक नवंबर को सात नये जिले बनाने के बाद से शुरू हुए नाकेबंदी पर केंद्र सरकार ने अपना रुख कड़ा कर लिया है. इस पूरे मामले पर स्वयं गृहमंत्री राजनाथ सिंह नजर रख रहे हैं. केंद्र ने मणिपुर सरकार कोकड़ा संदेश देते हुए आज कहा कि एक नगा समूह के 52 दिनकी आर्थिक नाकेबंदी से पैदा हुए ‘मानवीय संकट’ की जिम्मेदारी से राज्य सरकार भाग नहीं सकती है. केंद्र ने साथ ही स्पष्ट किया कि किसी को राजनीतिक लाभ नहीं लेने दिया जाएगा. मालूम हो कि अगले साल फरवरी में मणिपुर में विधानसभा होने वाला है. समझा जाता है कि जिलों का गठन कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने चुनावी लाभ के लिया किया है. जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के ओकराम इबोबी सिंहको लगता है किसातनये जिले के गठन से उन्हेंफरवरीमेंचुनावीलाभ मिलनेकीउम्मीद है.

केंद्र के दूत के तौर पर एक दिन की मणिपुर यात्रा पर गये गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि इस तरह की नाकेबंदी पूरी तरह अस्वीकार्य है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसे समाप्त करने के लिए केंद्र और मणिपुर सरकार एक साथ मिलकर कार्य करेंगी. उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘राज्य सरकार नाकेबंदी को खत्म नहीं कर पायी है. यह जल्द से जल्द खत्म होनी चाहिएक्योंकि कानून और व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी है. किसी को भी इस मानवीय संकट से राजनीतिक लाभ नहीं लेने दिया जाएगा, जब आम लोग परेशान हो रहे हैं.’ इससे पहले रिजिजू ने संकट और इसके समाधान के उपायों पर विचार के लिए मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह और केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की.

गृह राज्य मंत्री ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया कि केंद्र ने कार्रवाई में देरी की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शुरुआत से ही राज्य सरकार से नाकेबंदी खत्म करने के लिए कहती रही है और मदद की पेशकश करती रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘आज से राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती है. किसी को भी लोगों की परेशानियों को बढाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. केंद्र सरकार भी अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट रही है.’

सात नये जिले बनाये जाने का विरोध करते हुए यूनाइटेड नगा काउंसिल :यूएनसी: एक नवंबर से मणिपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-दो और 37 की नाकेबंदी कर रहा है. नागा समुदाय और नागा संगठनों का कहना है कि वे ऐतिहासिक तौर पर नागा इलाके हैं और प्रस्तावित ग्रेटर नागालिम का हिस्सा हैं. नाकेबंदी के चलते पिछले 52 दिन से मणिपुर में जनजीवन बाधित है. इस कारण वहां 350 रुपये लीटर तक पेट्राेल व 2000 रुपये में गैस सिलिंडर बिकने की खबरें हैंङ भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार मणिपुर की कांग्रेस सरकार से दोनों राजमार्गों पर यातायात के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने का दबाव डाल रही है.

रिजिजू ने कहा कि मणिपुर सरकार के तहत पहले ही 15000 अर्द्धसैनिक कर्मचारी हैं जबकि 700 और भेजे जा रहे हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव अगले साल के शुरू में होने हैं.

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