नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि राजनीतिक दलों को कर छूट से संबंधित आयकर कानून के स्वेच्छा से चंदा प्राप्त करने संबंधी प्रावधान को निरस्त करने के लिए दायर याचिका पर अगले साल 11 जनवरी को सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने कहा कि याचिका पर सुनवाई को लेकर कोई जल्दी नहीं है क्योंकि कानून 50 साल से अधिक समय से लागू न्यायालय ने कहा कि वह 11 जनवरी को इस पर विचार करेगा.
पीठ ने याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा से कहा, ‘‘आप आयकर कानून के एक प्रावधान को चुनौती दे रहे हैं जो वर्ष 1960 के दशक से अमल में है. इसकी जल्दी क्या है? मामले को अवकाश के बाद सामने आने दीजिए. यह कानून 50 साल से अधिक समय से चल रहा है.’ शर्मा ने न्यायालय से इस मामले में आज ही सुनवाई करने का अनुरोध किया था और दावा किया कि 16 दिसंबर को सरकार ने घोषणा की थी कि आयकर कानून की धारा 13ए के तहत दी जाने वाली कर छूट के तहत पुराने चलन से बाहर किये गये नोटों को राजनीतिक दलों के खातों में जमा कराने के खिलाफ कोई जांच नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के खातों में पुराने नोट जमा कराए जा रहे हैं और ‘‘समस्या यह है कि वे धन निकाल लेंगे.’ इसके बाद पीठ ने कहा, ‘‘अगले एक सप्ताह में क्या होने वाला है? मामले को 11 जनवरी को सुनवाई के लिए सामने आने दीजिए.’