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प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाकर उल्‍टे फंसे राहुल गांधी, शीला दीक्षित ने सबूतों को किया खारिज

नयी दिल्‍ली : राहुल गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगाए गए ‘‘निजी भ्रष्टाचार’ के आरोपों के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी उल्‍टे फंसती नजर आ रही है. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहते हुए सहारा और बिरला जैसे कारोबारियों से पैसे लेने का आरोप लगाया और इससे जुड़े […]

नयी दिल्‍ली : राहुल गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगाए गए ‘‘निजी भ्रष्टाचार’ के आरोपों के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी उल्‍टे फंसती नजर आ रही है. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहते हुए सहारा और बिरला जैसे कारोबारियों से पैसे लेने का आरोप लगाया और इससे जुड़े सबूत भी पिछले दिनों मीडिया को सौंपे. लेकिन राहुल के इस सबूत पर कांग्रेस की वरिष्‍ठ नेता और दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित ने ही सवाल उठा दिया है. दीक्षित ने राहुल गांधी के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर लगाये गये आरोपों को खारिज कर दिया है.

कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने आरोपों से साफ इंकार किया और दस्तावेजों को खारिज करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही उनके संबंध में अपनी टिप्पणी की है.

उन्होंने कहा, ‘‘आरोपों में जरा भी सच्चाई नहीं है. मैं पूरी तरह से इन आरोपों को खारिज करती हूं.” कांग्रेस द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर ‘‘सूची” सार्वजनिक किए जाने के बारे में पूछने पर शीला दीक्षित ने कहा, ‘‘इससे मुझे आश्चर्य हुआ.” हालांकि उन्होंने कहा कि उनका इस मुद्दे से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने इस संबंध में और आगे बोलने से इंकार करते हुए कहा कि यह मामला न्यायाधीन है.

उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि वह इस मुद्दे को पार्टी में उठा सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सूची में कई नाम हैं. तब आप शीला दीक्षित पर क्यों केंद्रित कर रहे हैं. मुझे ऐसी कोई बात याद भी नहीं है. अन्य मुख्यमंत्रियों के भी नाम हैं. आप उनके बारे में क्यों नहीं बात करते? सिर्फ शीला दीक्षित ही क्यों?”

* कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर जारी किया था सहारा डायरी की तसवीर
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट्स पर सहारा डायरी से जुड़ी कुछ तसवीरें साझा की थी. जिसमें दिखाया गया था कि गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने सहारा समूह से 40 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी, हालांकि यह आरोप कांग्रेस के लिए उल्‍टा पड़ गया. क्‍योंकि इस लिस्‍ट में उत्तर प्रदेश कांग्रेस की मुख्‍यमंत्री उम्‍मीदवार और दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित का भी नाम शामिल है. इस लिस्‍ट में शीला के नाम के आगे 1 करोड़ रुपये रिश्वत लेने की चर्चा की गयी है.
* ‘‘गडे मुर्दे उखाड रहे हैं” राहुल : भाजपा
भाजपा ने तत्काल इस मुद्दे पर कहा कि दो मानदंड नहीं हो सकते और राहुल ‘‘गडे मुर्दे उखाड रहे हैं” क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही मामले को साफ कर दिया है. इस बीच जदयू, राजद और राकांपा जैसी पार्टियों ने मांग की कि उन सभी लोगों की जांच की जानी चाहिए जिनके नाम डायरियों में हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि दो मानदंड नहीं हो सकते लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उनके प्रवक्ता बार बार गलतियां कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि मुद्दा समाप्त हो गया है और उच्चतम न्यायालय ने भी इसे सत्यापित कर दिया है.
राहुल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को ‘‘अब तक समझदार हो जाना चाहिए था, वह अब बच्चे नहीं हैं.” जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि सहारा डायरियों को अब सार्वजनिक किया जाना चाहिए तथा उन सभी लोगों से पूछताछ की जानी चाहिए जिनके नाम इसमें हैं.” उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘शीला दीक्षित, रमन सिंह और शिवराज तथा कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ आरोप हैं कि उन लोगों ने सहारा से पैसे लिए. इसलिए हम मांग करते हैं कि पूरी सूची सार्वजनिक की जानी चाहिए.” राजद नेता मनोज कुमार ने कहा कि सूची में जिनका भी नाम हो, तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए और उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से जांच का आदेश दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि हम किसी व्यक्ति को निशाना बनाना नहीं चाहते, हम यह भी नहीं चाहते कि पूरी दुनिया के सामने प्रधानमंत्री का पद अपनी विश्वसनीयता खोए, यही हमारी प्राथमिकता है.” राकांपा के माजिद मेनन ने कहा, ‘‘इसका कोई महत्व नहीं है कि व्यक्ति कांग्रेस से है या भाजपा से या वह प्रधानमंत्री हैं या पूर्व मुख्यमंत्री.” कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रुप में सहारा तथा बिडला समूहों से पैसे लिए थे. भाजपा ने उनके आरोपों का खंडन किया था.
* क्‍या है राहुल गांधी का प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि गुजरात के मुख्‍यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने सहारा और बिरला समूहों से पैसे लिये थे. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आइटी के रिकार्ड में सहारा अधिकारियों का अक्तूबर 2013 से फरवरी 2014 के बीच विभिन्न तिथियों को मोदी को 40 करोड़ रुपये भुगतान करने का दावा प्रदर्शित होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि एक अन्य दस्तावेज में बिरला समूह ने ‘गुजरात के मुख्यमंत्री’ को 12 करोड़ रुपये दिये थे.
* मोदी पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पर विपक्ष को एकजुट करने में जुटी कांग्रेस
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगाए गए ‘‘निजी भ्रष्टाचार’ के आरोपों के मुद्दे पर पार्टी समूचे विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रही है. इसी कवायद के तहत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा 27 दिसंबर को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन करने की चर्चा है.
समूचे विपक्ष को एकजुट करने की पहल या संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने के बारे में कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन कोलकाता से आई खबरों में कहा गया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी 27 दिसंबर को विपक्ष की ओर से संयुक्त रुप से आयोजित किए जाने वाले संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेंगी. वह कल यहां पहुंच सकती हैं.
वामपंथी पार्टियों के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस की ओर से उनसे संपर्क किया है, लेकिन उन्हें ब्योरे की जानकारी नहीं. उन्होंने बैठक में हिस्सा लेने के बारे में भी कोई प्रतिबद्धता जताने से परहेज किया. सूत्रों ने बताया कि राकांपा, जदयू और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियों से कांग्रेस ने संयुक्त बैठक के लिए संपर्क साधा है ताकि मोदी और उनकी सरकार पर हमला तेज किया जा सके. उन्होंने बताया कि राकांपा नेता तारिक अनवर, भाकपा नेता डी राजा और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी सहित कुछ अन्य नेताओं से संपर्क किया गया है.
बीते 16 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन जब राहुल की अगुवाई में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी, तो इससे नाराज कुछ विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलने गए विपक्षी प्रतिनिधिमंडल से खुद को अलग कर लिया था. इससे जनता में यह संदेश गया था कि संभवत: विपक्षी एकता टूट गई. जनता में इसी छवि को बदलने के लिए और विपक्ष की एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए कांग्रेस यह कवायद कर रही है.

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