बेनामी संपत्ति वालों की खैर नहीं, जानें अब कैसे चाबुक चलायेगी मोदी सरकार

नयी दिल्ली : कर से बचने के लिए बेनामी संपत्ति खरीदने वालों पर मोदी सरकार 2017 में शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार इस साल जुलाई में फाइल किये टैक्स रिटर्न और बैंक ट्रांजैक्शंस के डेटा के माध्यम से संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की गहन जांच करेगी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2016 9:24 AM

नयी दिल्ली : कर से बचने के लिए बेनामी संपत्ति खरीदने वालों पर मोदी सरकार 2017 में शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार इस साल जुलाई में फाइल किये टैक्स रिटर्न और बैंक ट्रांजैक्शंस के डेटा के माध्यम से संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की गहन जांच करेगी और जानकारी एकत्रित करने के बाद ऐसी संदिग्ध संपत्ति पर छापेमारी की जायेगी. ऐसा करके मोदी सरकार बेनामी संपत्ति रखने वालों को बेनकाब करेगी. आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी नोटबंदी के बाद बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ने का ऐलान पहले ही कर चुके हैं.

आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार 500 और 1000 रुपये के नोटों को अचानक बंद करने के बाद अब मोदी सरकार संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की जांच पर ध्यान केंद्रित करेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार अगले साल यह सरकार की प्राथमिकता में होगी.

पीएम मोदी के ‘मन की बात’

बेनामी संपत्ति का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने मन की बात कायक्रम में इस बार कहा कि सोची-समझी रणनीति के तहत इसे पूर्व की सरकारों ने धारदार नहीं बनाया. यह कानून 1988 में बना था, लेकिन कभी भी न उसके नियम बनें, न ही अधिसूचित किया गया. ऐसे ही वो ठंडे बस्ते में रहा. हमने उसको निकाला है और बड़ा धारदार बेनामी संपत्ति का कानून हमने बनाया है. आने वाले दिनों में वो कानून भी अपना काम करेगा.

दोषी पाए गए तो….

इसी साल 1 नवंबर से लागू हुए प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टीज ट्राजैक्शंस ऐक्ट के तहत बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों को 7 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान रखा गया है. यही नहीं दोषी की संपत्ति भी जब्त कर ली जायेगी.

बेनामी संपत्ति का मतलब

बेनामी से मतलब ऐसी संपत्ति से है, जो असली खरीददार के नाम पर नहीं होता है. कर से बचने और संपत्ति का ब्योरा न देने के उद्देश्य से लोग अपने नाम से प्रॉपर्टी खरीदने से बचते हैं. जिस व्यक्ति के नाम से यह खरीदी जाती है, उसे बेनामदार कहते हैं और संपत्ति बेनामी कही जाती है. बेनामी संपत्ति चल या अचल दोनों हो सकती है. अधिकतर ऐसे लोग बेनामी संपत्ति खरीदते हैं, जिनकी आमदनी का स्रोत संपत्ति से ज्यादा होता है.

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