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मैं यमन में आईएस की चंगुल में कैद फादर टॉम को रिहा कराने की करूंगी कोशिश : सुषमा स्वराज

नयी दिल्ली : अभी हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट कर एम्स से छुट्टी मिलने के बाद काम पर लौटीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दुनिया भर में तबाही मचाने वाले आतंकवादी संगठन की चंगुल में फंसे भारतीय कैथोलिक पादरी फादर टॉम उजहूनालिल को रिहा कराने का भरोसा दिया है. उन्होंने फादर टॉम के मामले में […]

नयी दिल्ली : अभी हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट कर एम्स से छुट्टी मिलने के बाद काम पर लौटीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दुनिया भर में तबाही मचाने वाले आतंकवादी संगठन की चंगुल में फंसे भारतीय कैथोलिक पादरी फादर टॉम उजहूनालिल को रिहा कराने का भरोसा दिया है. उन्होंने फादर टॉम के मामले में देश के लोगों को भरोसा देते हुए कहा कि उन्हें आईएस की चंगुल से हर हाल में मुक्त कराया जायेगा. मैं यमन में आईएस के कब्जे से फादर टॉम को मुक्त कराने की कोशिश करूंगी.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यह भरोसा तब दिया है, जब आईएस की चंगुल में फंसे फादर टॉम का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने भारत सरकार से खुद को आईएस की चंगुल से मुक्त कराने का आग्रह किया है. इस वीडियो को देखने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भावुक हो गयीं और उन्होंने ट्वीट कर भरोसा दिया कि उन्हें आईएस की चंगुल से हर हाल में मुक्त कराया जायेगा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि फादर टॉम को रिहा कराने का हर संभव प्रयास किया जायेगा.

हालांकि, फादर टॉम ने इसके पहले पोप के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से खुद को आईएस के कब्जे से छुड़ाने का आग्रह किया था. उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि सिर्फ भारतीय होने के नाते विश्व समुदाय द्वारा उनकी रिहाई का प्रयास नहीं किया जा रहा है. यदि वह यूरोपीय पादरी होते, तो बात ही कुछ और होती. बता दें कि फादर टॉम पिछले मार्च महीने से ही यमन में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के बंधक हैं. मंगलवार को 55 वर्षीय इस पादरी का पांच मिनट का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्होंने भारत सरकार से खुद को रिहा कराने फरियाद की थी.

जारी वीडियो में फादर टॉम ने काफी निराशा जताते हुए कहा है कि यदि मैं कोई यूरोपीय पादरी होता, तो वहां के लोग और प्रशासन इसे काफी गंभीरता से लेते और मैं रिहा करा लिया जाता. मैं भारत से हूं, इसलिए लगता है कि मेरा कोई मोल नहीं है. मुझे यह देखकर काफी दुख हो रहा है. प्रिय पोप फ्रांसिस, आप एक पिता समान हैं, कृपया मेरा जीवन बचायें. मैं काफी निराश हूं. यह वीडियो यूट्यूब पर आया है और टॉम के गृह राज्य के केरल के कई न्यूज चैनल ने भी इसे प्रसारित किया है.

वहीं, सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मैंने फादर टॉम का वीडियो देखा है. वह एक भारतीय नागरिक हैं और हर भारतीय का जीवन हमारे लिए कीमती है. हमने अफगानिस्तान से फादर एलेक्स प्रेम कुमार और जुदिथ डिसूजा को रिहा कराया था. हम फादर थॉमस को रिहा कराने के लिए भी हरसंभव कोशिश करेंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि आप जानते हैं कि यमन की परिस्थितियां ऐसी हैं कि वहां लड़ाई जारी है और कोई भी एक केंद्रीय सत्ता नहीं है. फादर टॉम की रिहाई के लिए हम उस इलाके के दूसरे देशों, खासकर सऊदी अरब और यमन के स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं. यमन में भारत का अपना दूतावास नहीं है.

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