नयी दिल्ली : नोटबंदी पर सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को जवाबदेही से मुक्त करने के लिए अध्यादेश आज लाया जा सकता है. आज होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसे रखे जाने की संभावना है. नोटबंदी पर सरकार व आरबीआइ को दायित्व से मुक्त करने के लिए एक अध्यादेश बुधवार यानी आज केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष लाया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक अध्यादेश इसलिए लाया जा सकता है, ताकि 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने को लेकर सरकार के खिलाफ कोई केस नहीं कर सके. किसी तरह की परेशानी व अस्पष्टता की स्थिति को रोकने की कोशिश के तहत एक प्रावधान किया जायेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कुछ श्रेणियों के व्यक्ति आरबीआइ की शाखाओं में 31 दिसंबर से 31 मार्च तक पुराने नोट जमा कर सकें.
इस श्रेणी में सैन्य बलों में काम करने वालों, विदेश में रहने वालों और ऐसे आम नागरिकों को शामिल किया जा सकता है, जिनकी वैधानिक आमदनी है और वह कुछ वजहों से ये पैसे जमा नहीं करा पाये. सरकार 30 दिसंबर के बाद एक निश्चित सीमा तक पुराने नोट रखने वालों पर जुर्माना लगाने पर भी विचार कर रही है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. 1978 में नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार को दायित्व से मुक्त करने के लिए इसी तरह का एक अध्यादेश लाया गया था.
आज पुराने नोट रखने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान सरकार केंद्रीय कैबिनेट में कर सकती है. 10 से ज्यादा पुराने नोट रखने पर सरकार जुर्माना लगा सकती है. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 30 दिसंबर के बाद पुराने नोट रखने की सीमा 10 हजार तक रखी जा सकती है, इस नियम का उल्लंघन करने पर 50,000 रुपये अधिकतम या जितनी राशि मिलेगी उसका पांच गुना जुर्माना लगाया जा सकता है.