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पुराने नोट रखने पर जुर्माना, जेल भी, मगर अध्यादेश पर उठ रहे हैं ये सवाल

नोटबंदी के बाद, 500 और 1000 के नोट पर, नरेंद्र मोदी सरकार ने दूसरा सबसे बड़ा फैसला आज किया है. सरकार ने 500-1000 के पुराने नोट को रखने की सीमा तय कर दी है. तय सीमा से ज्यादा इन नोटों को रखना गैर कानूनी बना दिया गया है और इसके उल्लंघन करने पर धारक को […]

नोटबंदी के बाद, 500 और 1000 के नोट पर, नरेंद्र मोदी सरकार ने दूसरा सबसे बड़ा फैसला आज किया है. सरकार ने 500-1000 के पुराने नोट को रखने की सीमा तय कर दी है. तय सीमा से ज्यादा इन नोटों को रखना गैर कानूनी बना दिया गया है और इसके उल्लंघन करने पर धारक को जेल तक जाना पड़ सकता है. अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद तय तिथि के बाद अगर कोई व्यक्ति 10000 से ज्यादा के पुराने नोट रखता है, तो उसे कम-से-कम 5000 रुपये और अधिकतम, पकड़ी गयी रकम के 5 गुना जुर्माना चुकान पड़ेगा. साथ ही चार साल के लिए जेल भी जाना पड़ सकता है. यह एक आपराधिक श्रेणी का मामला होगा और उसका मजिस्ट्रेट ट्रायल होगा. इसके प्रभावी होने की तारीख 30 दिसंबर हो सकती है.

सरकार ने यह अध्यादेश क्यों लाया?
8 नवंबर को सरकार के एलान के बाद ये नोट पहले ही सामान्य प्रचलन से बाहर हो चुके थे. 30 दिसंबर के बाद ये बैंक के व्यवहार से भी बाहर हो जायेंगे. रिजर्व बैंक एक्ट, 1934 में संशोधन से रिजर्व बैंक इन नोटों के धारकों को उस मूूल्य की राशि अदा करने की वचनबद्धता से मुक्त हो जाता. इसके बावजूद सरकार को इन पुराने नोटों को रखने की अधिकतम सीमा तय करने और उससे ज्यादा के धारकों के लिए इतने कड़े कानून लाने का क्या जरूरत थी‍? इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं.

आठ नवंबर के बाद से सरकार के अनुमान से ज्यादा 500-1000 के नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं. बाजार में 15.4 लाख करोड़ रुपये मूल्य के ये नोट चलन में थे. सरकार को अनुमान था की करीब तीन लाख करोड़ रुपये वापस नहीं होंगे, जबकि अब तक करीब 14 लाख करोड़ रुपये लौट चुके हैं. तो क्या सरकार ने महज 1.4 लाख करोड़ रुपये के लिए इतना कठोर अध्यादेश लाया‍?

दूसरी बात कि खुद प्रधानमंत्री ने यह एलान किया था कि जो लोग 30 दिसंबर तक इन पुराने नोटों को नहीं बदल सकेंगे, उन्हें 31 मार्च तक रिजर्व बैंक के निर्धारित ऑफिस में घोषणा-पत्र के साथ इन नोटों को जमा करने का एक और मौका मिलेगा. अब, जबकि सरकार ने 30 दिसंबर के बाद 10 हजार से ज्यादा राशि के पुराने नोट रखने को अपराध करार दे दिया है, तो 31 मार्च तक पुराने नोटों को जमा करने का जनता को दिये गये आखिरी अवसर का औचित्य क्या होगा?

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