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सहारा-बिड़ला की डायरियों की जांच करेगा कैग

नयी दिल्‍ली : राजनीतिक उठापटक का कारण बनी सहारा और बिड़ला डायरियों की जांच कैग (नियंत्रक एवं लेखक परीक्षक) करेगा. हाल ही में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि गुजरात के मुख्‍यमंत्री के तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सहारा और बिरला समूहों से पैसे लिये थे. हाल ही में कैग ने केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर […]

नयी दिल्‍ली : राजनीतिक उठापटक का कारण बनी सहारा और बिड़ला डायरियों की जांच कैग (नियंत्रक एवं लेखक परीक्षक) करेगा. हाल ही में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि गुजरात के मुख्‍यमंत्री के तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सहारा और बिरला समूहों से पैसे लिये थे.

हाल ही में कैग ने केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी से कहा था कि वह सभी सर्च के डाटा को साझा करे. वहीं, सीबीडीटी के एक सूत्र ने सहारा और बिड़ला डायरियों के कैग की ओर से ऑडिट करने की पुष्टि की है और कैग ने दोनों इंडस्ट्रियल ग्रुप्स पर कीगयी सर्च की जानकारी मांगी है. इस मामले में कैग की ओर सेतीन महीने में जांच पूरी की जा सकती है.

कैग ने बीतेचार साल में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से किए गए सभी बड़े सर्च और सीज ऑपरेशंस का ऑडिट करना शुरू कर दिया है. सहारा की डायरियों में कथित रूप से पीएम मोदी के अलावा अन्‍य कई बीजेपी नेताओं और अन्‍य दलों के नेताओं के नाम शामिल हैं. इस डायरी में दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्‍ठ नेता शीला दीक्षित का नाम भी शामिल है.

एनजीओ कॉमन काज ने इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी और पिछले सप्ताह प्रधान न्यायाधीश मनोनित न्यायमूर्ति जेएस खेहर ने इस मामले की सुनवाई करने से मना कर दिया और कहा कि इसमें कोई साक्ष्य नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री के खिलाफ केवल आरोप हैं. पीठ ने वकील प्रशांत भूषण से साक्ष्य प्रदान करने को कहा ताकि वह इस बारे में निर्णय कर सके कि क्या वह याचिका स्वीकार कर सकती है.

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