मोदी के संबोधन से पहले राहुल ने रखी मांगों की फेहरिस्त
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राष्ट्र को संबोधित किए जाने से कुछ देर पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज अपनी आठ मांगों की एक फेहरिस्त सामने रखी. राहुल ने मोदी से मांग की कि वह नगद निकालने की सीमा में ढील दें और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के हर […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राष्ट्र को संबोधित किए जाने से कुछ देर पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज अपनी आठ मांगों की एक फेहरिस्त सामने रखी. राहुल ने मोदी से मांग की कि वह नगद निकालने की सीमा में ढील दें और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के हर परिवार को 25-25 हजार रुपये दिए जाएं.
बीते आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को अमान्य करने के ऐलान के बाद आज दूसरी बार मोदी राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं. नोटबंदी के मुखर आलोचक राहुल ने ट्विटर के जरिए अपनी आठ मांगें प्रधानमंत्री मोदी को बताई. राहुल ने यह मांगें इसलिए रखी हैं क्योंकि नोटबंदी के बाद हालात को सामान्य करने के लिए मांगी गई 50 दिन की अवधि कल पूरी हुई, लेकिन नोटों की उपलब्धता में कुछ समस्याएं अब भी देखने को मिल रही हैं.
राहुल नोटबंदी को करीब एक अरब 30 करोड़ की आबादी को प्रभावित करने वाला दुनिया के इतिहास का सबसे मनमाना फैसला करार दे चुके हैं. ‘‘पैसे निकालने पर तय की गई सीमा को तत्काल प्रभाव से हटाने” की मांग के अलावा राहुल ने मोदी से यह मांग भी की कि वह बीपीएल श्रेणी में आने वाले हर परिवार की एक महिला के खाते में 25-25 हजार रुपये जमा कराएं.
राहुल ने डिजिटल लेन-देन पर तुरंत शुल्क हटाने और छोटे दुकानदारों एवं कारोबारियों के लिए आयकर और बिक्री कर में 50 फीसदी की रियायत देने की भी अपील की. राहुल ने यह मांग भी की कि ‘‘जितने समय के लिए बंदिशें हैं”, उतने समय के लिए सभी बैंक खाताधारकों को सालाना 18 फीसदी की विशेष ब्याज दर से भरपाई की जाए.
उन्होंने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत गारंटी प्राप्त काम करने के दिनों की संख्या और दिहाडी की दरों को दोगुना करने की अपील की और सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक बार 20 फीसदी का विशेष बोनस देने की मांग रखी.
राहुल ने यह मांग भी की कि खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधान के मुताबिक, जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत राशन की दरें एक साल के लिए आधी कर दी जाए. एक ट्वीट में राहुल ने कहा, ‘‘पिछले 50 दिनों में बर्बादी: प्रधानमंत्री के शब्द पर यकीन. साप्ताहिक नगद निकासी की सीमा खत्म हो.”