नयी दिल्ली : बीमाधारकों को एक और सुविधा प्रदान करते हुए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा है कि मच्छर काटने से मलेरिया के शिकार व्यक्ति की मौत एक दुर्घटना है. इसी प्रकार मच्छर जनित किसी भी रोग से मृत्यु होना भी दुर्घटना की श्रेणी में आता है. ऐसे बीमा कंपनियों को बीमा धारकों को दुर्घटना बीमा के तहत मुआवजे का भुगतान करना होगा.
न्यायमूर्ति वीके जैन ने कहा, यह स्वीकार करना हमारे लिए मुश्किल है कि मच्छर के काटने की वजह से हुई मौत दुर्घटना से हुई मौत नहीं होगी. उन्होंने कहा, इस बात में बमुश्किल कोई विवाद हो सकता है कि मच्छर का काटना ऐसी चीज है जिसकी किसी को उम्मीद नहीं होती और अचानक हो जाती है.
आयोग ने कहा, ’बीमा कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार दुर्घटना में सांप का काटना और कुत्ते का काटना जैसी घटनाएं शामिल हो सकती हैं. अतएव, ऐसे में यह दलील हजम करने में बड़ी मुश्किल है कि मच्छर के काटने से हुई मलेरिया बीमारी है न कि एक दुर्घटना.’ यह आदेश मौसमी भट्टाचार्य के बीमा दावे पर आया है, जिनके पति देबाशीष की जनवरी, 2012 में मौत हो गयी थी.
देबाशीष ने बैंक ऑफ बड़ौदा से आवास ऋण लिया और नेशनल इश्योरेंस कंपनी से बीमा पॉलिसी ली थी. बीमित राशि उनकी मौत होने पर देय थी. मौसमी जब अपना आवास ऋण खत्म करवाने बीमा कंपनी के पास पहुंचीं तब उनका दावा खारिज कर दिया गया.