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नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी घमासान में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की छवि मजबूत होने की खबरों के बीच भाजपा के एक शीर्ष नेता ने आज कहा कि राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर पर पार्टी की ‘‘सीधी लड़ाई’ सपा या बसपा से है और इस पूरे मामले से भाजपा की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
एक अनौपचारिक बातचीत में भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अखिलेश की छवि हमारे (भाजपा के) वोटरों के बीच अच्छी है, लेकिन वे किसी सूरत में उन्हें वोट नहीं देने वाले. उनके परिवार में जो कुछ हो रहा है उससे मीडिया का ध्यान प्रमुख चुनावी मुद्दों से भटक गया है, लेकिन उनकी सरकार में जमीन हड़पने के मामले और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने जैसे मुद्दे जनता के लिए अहम हैं.’
लखनऊ में भाजपा की परिवर्तन रैली में पार्टी की ओर से शक्ति प्रदर्शन करने के एक दिन बाद उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा के पक्ष में माहौल है, ‘‘क्योंकि नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मोदी सरकार की प्रतिष्ठा बहुत ज्यादा है.’ उन्होंने दावा किया कि विधानसभा की कुल सीटों के करीब 90 फीसदी पर भाजपा की सामान्य मौजूदगी है और इन पर सपा या बसपा भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी है. उन्होंने कहा कि 50 फीसदी से कुछ ही कम सीटें होंगी जिसमें सपा और बसपा के बीच लड़ाई है.
भाजपा नेता ने पार्टी के रुख को दोहराया कि उसका मुख्य मुकाबला सपा से है. उन्होंने मायावती की अगुवाई वाली बसपा को ‘‘घटती’ ताकत करार दिया जो धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी.