नयी दिल्ली : जस्टिस जगदीश सिंह खेहर को आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद की शपथ दिलायी गई. कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रपति भवन में रखा गया था जिसमें उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई मंत्री पहुंचे.खेहर ने भारत के 44वें प्रधान न्यायाधीश के रुप में शपथ ली. उन्हें शपथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिलायी.
आपको बता दें कि जस्टिस खेहर को उनके फैसलों के लिए ही पहचाना जाता है. खासतौर पर उन फैसलों के लिए जो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में सुनाए हैं. जस्टिस खेहर ने साल 2011 के सितंबर माह में सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ग्रहण की थी.
‘कौन सच्चा सिख है?’ इस सवाल को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस खेहर के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने जो फ़ैसला सुनाया था उसकी चर्चा पूरे देश में जोरों से हुई थी. जस्टिस खेहर उस वक्त पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के जज थे. मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस खेहर ने कहा था कि धर्म की अवधारणा वैसी ही होनी चाहिए जिस बुनियाद पर धर्म है, न कि वैसी होनी चाहिए जैसा कि हम चाहते हैं.
साल 2011 के सितंबर में सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुआ उनका कार्यकाल भी काफी चर्चा में रहा है. सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर दिए गए उनके फैसलों ने हमेशा सुर्खियों बटोरी हैं. जैसे 2-जी स्पेक्ट्रम का मामला जिसमें सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष ‘प्रेसिडेंशियल रेफरेंस’ की एक याचिका दायर की थी. जस्टिस खेहर की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार को सचेत करते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों को खैरात में नहीं दिया जा सकता.
ऐसे कई फैसले जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने सुनाए. यहां उल्लेख कर दें कि उनका कार्यकाल मात्र सात महीने का है और वे 28 अगस्त 2017 को रिटायर हो जाएंगे.