नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा आज कर दी गयी है. इसके साथ ही उन सभी पांच राज्यों में जहां विधानसभा चुनाव होने हैं वहां आदर्श आचार संहिता लागू कर दिया गया है.चुनाव आयोग की ओर से तारीखों की घोषणा के साथ ही विपक्षी दल 1 फरवरी को पेश किये जाने वाले आम बजट को टालने की मांग कर रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि अगर बजट तय समय सीमा के अंदर पेश किये जाएंगे तो इससे चुनाव प्रभावित हो सकता है. आदर्श आचार संहिता का भी उल्लंघन होगा.
विपक्ष की आम बजट को टालने की मांग के बीच पूर्व चुनाव आयुक्तों का बयान सामने आया है. उनके अनुसार आम बजट से विधानसभा चुनाव का कुछ लेना-देना नहीं है. राज्यों के चुनाव से केंद्र का आम बजट प्रभावित नहीं होगा. ज्ञात होबसपा सुप्रीमो मायावती ने आज उत्तर प्रदेश चुनाव की तिथि घोषित किये जाने के बाद आम बजट की तारीखें बदलने की मांग चुनाव आयोग से कर दी है. मायावती ने चुनाव आयोग से यह गुजारिश की है कि वह केंद्र सरकार को एक फरवरी को आम बजट पेश करने से रोके. मायावती ने कहा कि संभव है कि केंद्र सरकार एक फरवरी को बजट पेश करे.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति और एन गोपाल स्वामी के अनुसार आम बजट तभी टल सकती है जब लोकसभा चुनाव होते हैं. राज्यों के विधानसभा चुनाव से केंद्र के आम बजट को टाला नहीं जाना चाहिए. दोनों पूर्व चुनाव आयुक्तों का कहना है कि यह केंद्र का बजट है और चुनाव राज्यों में होना है.
2004-05 में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त रहे कृष्णमूर्ति के अनुसार केंद्र के आम बजट में अगर उन राज्यों का नाम नहीं लिया जाता जहां चुनाव होने हैं तो यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा. वहीं 2006 से 2009 तक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त गोपाल स्वामी ने कहा, हर साल आम बजट के दौरान देश के कहीं न कहीं चुनाव होते हैं, लेकिन इससे बजट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. आम बजट एक ही सुरत में टाला जा सकता है तब लोकसभा के चुनाव होते हैं.
गौरतलब हो कि आज चुनाव आयोग की ओर से पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों की घोषणा आज कर दी गयी. चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार पांचों राज्यों में मतदान चार फरवरी से आठ मार्च तक अलग अलग चरणों में होगा.
चुनाव आयोग की ओर से आज घोषित चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होगा, जबकि उत्तराखंड, पंजाब एवं गोवा में एक चरण में तथा मणिपुर में दो चरणों में मतदान संपन्न होगा. इन पांचों राज्यों में मतगणना एकसाथ 11 मार्च को होगी.
उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में 11, 15, 19, 23, 27 फरवरी तथा चार और आठ मार्च को मतदान होगा. पहले चरण में 73 विधानसभा सीटों, दूसरे चरण में 67 सीटों, तीसरे चरण में 69 सीटों, चौथे चरण में 53 सीटों, पांचवें चरण में 52 सीटों, छठे चरण में 49 सीटों और सातवें चरण में 40 सीटों के लिए मतदान होगा. हाल ही में हिंसा का गवाह बने मणिपुर में चार मार्च और आठ मार्च को दो चरणों में मतदान संपन्न होगा. पहले चरण में 38 और दूसरे चरण में 22 सीटों पर मतदान होगा. कांग्रेस की सत्ता वाले इस राज्य में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं. पंजाब और गोवा में चार फरवरी को एक साथ मतदान होगा तो उत्तराखंड में 15 फरवरी को मतदान होगा. पूरी चुनावी प्रक्रिया 11 जनवरी को पंजाब और गोवा में चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू होगी.