-आरके नीरद-
देश के पांच राज्यों में हो रहे चुनाव को लेकर पहला ओपिनियन पोल आ चुका है. एबीपी न्यूज, लोकनीति और सीएसडीएस का यह ओपिनियन पोल कहता है कि उत्तरप्रदेश में किसी भी दशा में किसी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा और अगली विधानसभा त्रिशंकु होगी. 2012 के विधानसभा चुनाव के वक्त भी ऐसा ही हुआ था. तब दो एजेंसियों ने ओपिनियन पोल कराया था और दोनों इस नतीजे पर पहुंची थीं कि चुनाव में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा. तीन एजेंसियों (स्टार न्यूज-नेलसन, सीएनएन-आइबीएन और आजतक) ने एक्जिट पोल कराया था. इनमें से दो एक्जिट पोल में भी यही कहा गया था. केवल सीएनएन-आइबीएन ने अपने एक्जिट पोल में सपा को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना जतायी थी, मगर उसका आकलन भी नतीजे से बहुत अलग था.
2012 के उत्तरप्रदेश विधानसभा के ओपिनियन पाेल को सूबे के मतदाताओं ने पूरी तरह खारिज कर दिया था. वह ओपिनियन पोल स्टार न्यूज-नेल्सन और न्यूज 24 का था. उस बार भी सपा को अन्य तीन बड़े दलों के मुकाबले ज्यादा सीटें दी गयी थीं. बसपा को दोनों ओपिनियन पोल में पिछली बार भी 101 से 108 सीटों तक सीमित रखा गया था, मगर जब नतीजा आया, तब बसपा की झोली में केवल 80 सीटें गयी थीं. उसे 126 सीटों का नुकसान हो चुका था. इस बार भी ओपिनियन पोल में बसपा को 93 से 103 सीटों मिलती दिखायी गयी हैं.
पिछली बार के ओपिनियन पोल में सपा को एक (स्टार न्यूज-नेल्सन) ने 135 और दूसरे (न्यूज 24) ने 127 सीटें दी थीं, मगर जब नतीजा आया, तो हकीकत ओपिनियन पोल काफी अलग था. सपा को 224 सीटें मिलीं थीं.
उत्तरप्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस में राहुल गांधी बेहद चमकदार नेता थे. उनकी चमक का असर ओपिनियन पोल और एक्जिटपोल दोनों पर पड़ा था, जो वास्तविक नहीं था. ओपिनियन पोल में एक ने कांग्रेस-आरएलडी को 99 और दूसरे ने 94 सीटें दी थीं. स्टार न्यूज-नेल्सन ने एक्जिट पोल में उसे 51 सीटें दे दीं, लेकिन उत्तरप्रदेश के वोटरों ने असली वोटिंग में कांग्रेस को महज 28 और आरएलडी को नौ सीटेंं दीं. इस बार के ओपिनियन पोल में कांग्रेस को पिछली बार से करीब-करीब आधी सीटें (13-19) दी गयी हैं.
भाजपा को लेकर भी पिछले ओपिनियन पोल और एक्जिट पोल में जमीनी तथ्य से आंकड़े बहुत दूर थे. ओपिनियन पोल में एक ने भाजपा को 61 और दूसरे ने 57 सीटें दी थीं. एक्जिट पाेल में स्टर न्यूज ग्रुप ने उसे 71, तो सीएनएन ग्रुप ने 28-38 सीटें दी थीं. आजतक वास्तविकता के कुछ करीब था, मगर वह भी उसे 50-56 सीटें दे रह था, जबकि वोटरों ने तमाम कयासों और दावों को धता बताते हुए उसे 47 सीटें दीं. इस बार के ओपिनियन पोल में उसे 123-133 सीटें मिलने की उम्मीद जतायी गयी है.
बहरहाल, ओपिनियन पोल हो या एक्जिट पोल, वोटरों के नब्ज का अनुमान लगाना आसान नहीं रहा है.