सोशल मीडिया में सरकारी कामकाज पर सवाल, क्या कहता है कानून

नयी दिल्ली : पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के सोसल नेटवर्किंग साइट पर सरकारी कामकाज ना करने के फैसले को उपराज्यपाल किरण बेदी ने पलट दिया. इस फैसले के बाद एक नयी बहस छिड़ गयी है कि क्या सोशल मीडिया पर सरकारी कामकाज पर रोक सही है? केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया का नारा दे रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2017 9:42 PM

नयी दिल्ली : पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के सोसल नेटवर्किंग साइट पर सरकारी कामकाज ना करने के फैसले को उपराज्यपाल किरण बेदी ने पलट दिया. इस फैसले के बाद एक नयी बहस छिड़ गयी है कि क्या सोशल मीडिया पर सरकारी कामकाज पर रोक सही है? केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया का नारा दे रही है और इंटरनेट की मदद से कैसलेस इकोनोमी का सपना देखा जा रहा है.

दूसरी तरफ समस्या सुरक्षा को लेकर भी है. सोशल मीडिया का सर्वर दूसरे देशों में है. भारत में पेटीएम जैसी कई कंपनियां है, जिसमें विदेशों का पैसा लगा है. विदेशी निवेश से लेकर विदेश से आयात हो रही टेक्नोलॉजी तक इन सबकी सुरक्षा और गोपनीयता के खतरे को क्या नजरअंदाज किया जा सकता है. सरकारी कामकाज में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर क्या कहता है . पढ़िए इस पर पूरी रिपोर्ट
सरकारी कामकाज में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पेंच
सोशल मीडिया पर सरकारी कामकाज में कई पेंच हैं. पब्लिक रिकॉर्ड्स एक्ट के तहत कोई भी सरकारी फाइल या जानकारी भारत के बाहर नहीं भेजी जा सकती. इसमें पांच साल तक की सजा का प्रावधान है. ऐसे में जबकि कई सोशल नेटवर्किंग साइट का सर्वर भारत में नहीं है, सोशल मीडिया पर शेयर की गयी जानकारी लीक हो सकती है और ऐसा करना कानून की नजर में गुनाह हो सकता है. दूसरी बात कि ऐसी सभीकंपनियां भारतीय कानून के दायरे में नहीं आती हैं. वे हमारी जानकारियाें को बाहरी गुप्तचर एजेंसियों को लीक भी कर सकती हैं. इस लिहाज से व्हाट्सएप पर सरकारी सूचनाओं का आदान-प्रदान गैरकानूनी माना गया है.
कितना सुरक्षित है सोशल मीडिया पर सरकारी कामकाज
इंटरनेट पर सोशल मीडिया की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. देश में कई नामी-गिरामी नेता, अभिनेता और महत्वपूर्ण लोगों के अकाऊंट हैक होते रहे. ताजा उदाहरण कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का टि्वटर अकाऊंट का हैक होना. हाल में ही एक नामी बैंक के कई एटीएम कार्ड बंद कर दिया क्योंकि उसमें सुरक्षा का खतरा था. इतना ही नहीं सरकारी अधिकारियों के लिए ई-मेल नीति अक्टूबर 2014 बनाई गई है जिसके अनुसार एनआईसी या उन ई-मेल नेटवर्क का इस्तेमाल करने का आदेश दिया गया जिनके सर्वर भारत में है. नये साल की शुरूआत में ही राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की वेबसाइट हैक कर ली गयी थी. पिछला साल साइबर क्राइम के ग्राफ में काफी आगे था. शुरूआत के तीन महीनों में ही 8 हजार से ज्यादा वेबसाइट हैक कर ली गयी थी. साइबर क्राइम की गूंज संसद तक थी.
डिजिटल इंडिया का सपना कितना सुरक्षित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई सभाओं में डिजिटल इंडिया और इसकी सुरक्षा को लेकर युवाओं को संबोधित करते हुए कह चुके हैं कि भविष्य में साइबर सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बनने वाला है. साइबर सुरक्षा के लिए भारत को आगे बढ़ना चाहिए. युवाओं को आगे आना चाहिए और इंटरनेट की सुरक्षा के लिए काम करना चाहिए.

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