भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी चुनाव पर होगा मंथन-चिंतन
नयी दिल्ली : उत्तरप्रदेश, पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आज दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय अहम बैठक शुरू हुई है. एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस बैठक की शुुरुआत भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने किया. सुबह अमित शाह व संगठन मंत्री रामलाल […]
नयी दिल्ली : उत्तरप्रदेश, पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आज दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय अहम बैठक शुरू हुई है. एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस बैठक की शुुरुआत भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने किया. सुबह अमित शाह व संगठन मंत्री रामलाल ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सांगठनिक मुद्दों पर चर्चा की. शाम में इस बैठक मेंपार्टी अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री अरुण जेटली पहुंचे. उनके अलावा कई प्रमुख नेता व भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री कार्यकारिणी में शामिल होने पहुंचे और अौपचारिक रूप से पार्टी कार्यकारिणी की बैठक शुरू हुई.
PM Modi, FM Jaitley and Amit Shah at BJP national executive meeting in Delhi pic.twitter.com/10u6M5YNY5
— ANI (@ANI) January 6, 2017
कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री शनिवार को अपना समापन संबोधन देंगे. कार्यकारिणी में उत्तरप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर के विधानसभा चुनाव पर चर्चा होगी. उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड में भाजपा सत्ता में आने की उम्मीद पाले हुए है, जबकि गोवा में उसके समक्ष फिर से सरकार बनाने की चुनौती है. वहीं, पंजाब में वह अपनी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के साथ सरकार में फिर से आने की उम्मीद पाले हुए हैं.
कार्यकारिणी की बैठक में कुछ अहम प्रस्ताव भी पारित किये जा सकते हैं.राजनीतिकव आर्थिक प्रस्ताव पेश कियाजाना लगभग तय है. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले, कालाधन व भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की लड़ाई का अनुमोदन किया जा सकता है. साथ ही कालेधन के पैसे से गरीब कल्याण कोष बनायेकेसरकार के फैसले केजरियेभारतीय जनता पार्टी अपनी गरीब हतैषी छवि बनाने की कोशिश करने की दिशा में आगे बढ़ सकती है.
उत्तरप्रदेश चुनाव के मद्देनजर यह कार्यकारिणी बेहद महत्वपूर्ण है, जिसे मिनी आम चुनाव माना जा रहा है. अगर इस चुनाव में भाजपा काे जीत मिलती है, तो 2019 के लोकसभा चुनाव में उसकी राह आसान होगी. उत्तरप्रदेश चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के राजनीतिक साख से भी जुड़ गया है.
इन मुद्दों को भुनाएगी पार्टी
पार्टी नोटबंदी को अहम चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है. पार्टी नोटबंदी के कदम को ‘‘कालाधन एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध’ के तौर पर पेश करती है. इसके अलावा वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लक्षित हमलों और ‘‘गरीब समर्थक’ योजनाओं को भी भुनाना चाहती है. शाह ने दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित किए जाने वाले पार्टी के प्रस्तावों को अंतिमरूप दिया है. भाजपा नेताओं ने कहा कि चुनावी राज्यों में जमीनी स्थिति पर पार्टी नेता चर्चा और समीक्षा करेंगे. पार्टी इस अवसर का इस्तेमाल गरीब समर्थक एवं कमजोर तबका समर्थक के तौर पर अपनी छवि निखारने में करेगी और इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विभिन्न योजनाओं समेत सरकार की कई योजनाओं का उल्लेख करेगी.
संसद में बजट सत्र पहले पेश करने के सरकार के कदम पर विपक्ष के हमलों के मद्देनजर इस अवसर पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व विपक्ष पर हमला बोल सकता है और पार्टी इसे कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों द्वारा मोदी के ‘‘गरीब समर्थक’ एजेंडा को पटरी से उतारे जाने के एक अन्य प्रयास के तौर पर पेश कर सकती है. लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी रैली के बाद भगवा पार्टी बेहद आशावान है और इसे वह नोटबंदी के लिए जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया के तौर पर ले रही है. पार्टी विपक्ष की आलोचना को भ्रष्ट लोगों का बचाव करने के उसके प्रयास के तौर पर पेश करने वाली है. बहरहाल, 14 जनवरी को ‘मकर संक्रांति’ के अवसर पर भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति के पार्टी उम्मीदवारों का नाम घोषित करने की संभावना है.