मुंबई : करीब 25,000 करोड रुपए के कथित चीनी सहकारी कारखाना घोटाले की सीबीआई जांच कराने की समाजसेवी अन्ना हजारे की मांग बंबई उच्च न्यायालय ने आज नकार दी. अन्ना ने इस कथित घोटाले के सिलसिले में एक जनहित याचिका दाखिल कर एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार को नामजद किया है. इसी याचिका में उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी.
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चीनी घोटाला: सीबीआई जांच कराने की अन्ना की मांग अदालत ने नकारी
मुंबई : करीब 25,000 करोड रुपए के कथित चीनी सहकारी कारखाना घोटाले की सीबीआई जांच कराने की समाजसेवी अन्ना हजारे की मांग बंबई उच्च न्यायालय ने आज नकार दी. अन्ना ने इस कथित घोटाले के सिलसिले में एक जनहित याचिका दाखिल कर एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार को नामजद किया है. […]
न्यायालय ने अन्ना से कहा कि पहले वह एक पुलिस शिकायत दाखिल करें. न्यायालय ने यह भी कहा कि वह ‘‘इस चरण में” सीबीआई जांच का आदेश नहीं दे सकता. उच्च न्यायालय ने अन्ना से कहा, ‘‘अपने आरोप के आधार पर पहले एक पुलिस शिकायत दाखिल करें और यदि वे (पुलिस) इसे दर्ज करने से इनकार करते हैं तो वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करें और यदि उससे भी काम नहीं हो तो फिर हमारे पास आएं.”
न्यायालय ने पूछा, ‘‘इस चरण में हम सीबीआई जांच के आदेश नहीं देंगे…..पुलिस की ओर से मामला दर्ज किए जाने के बगैर ही आप सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं ? जब अपराध दर्ज ही नहीं हुआ, तो आप जांच ट्रांसफर करने का अनुरोध कैसे कर सकते हैं ?” अन्ना के वकील ने जब पुलिस केस दर्ज कराने के लिए वक्त मांगा, तो पीठ ने मामले की सुनवाई 13 फरवरी तक स्थगित कर दी.
न्यायालय अन्ना की ओर से दायर उस आपराधिक जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा था जिसमें उन्होंने कथित चीनी सहकारी कारखाना घोटाले की सीबीआई जांच और नेताओं की कथित भूमिका की एसआईटी जांच कराने की मांग की है. अन्ना ने इसी मुद्दे पर दो और दीवानी जनहित याचिका दाखिल की है, जिन पर आने वाले कुछ दिनों में सुनवाई हो सकती है.
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