मोदी ने कहा, तीसरा मोर्चा प्रवासी पक्षियों की तरह
अगरतला: तीसरे मार्चे की तुलना प्रवासी पक्षियों से करते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद यह ‘तीस का मोर्चा’ होगा. मोदी ने वामशासित त्रिपुरा में यहां एक जनसभा में कहा, ‘‘मैंने गुजरात में देखा है कि शीतरितु से पहले फ्लैमिंगो आते हैं और शीतरितु […]
अगरतला: तीसरे मार्चे की तुलना प्रवासी पक्षियों से करते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद यह ‘तीस का मोर्चा’ होगा.
मोदी ने वामशासित त्रिपुरा में यहां एक जनसभा में कहा, ‘‘मैंने गुजरात में देखा है कि शीतरितु से पहले फ्लैमिंगो आते हैं और शीतरितु के बाद गायब हो जाते हैं. तीसरा मोर्चा प्रवासी पक्षियों की तरह है जो चुनाव के बाद गायब हो जाएगा. यह चुनाव के बाद घटकर तीस :लोकसभा की सीटें: रह जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें केंद्र में मजबूत सरकार की जरुरत है जो देश में असली विकास ला सके. 60 साल बर्बाद चले गए. क्या आप और पांच साल बर्बाद करना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा कि देश में एक मजबूत नेतृत्व की जरुरत है जो जनता को अच्छा शासन, पारदर्शिता और जिम्मेदारी दे सके.
मोदी ने घोषणा की, ‘‘राजग कोई गठबंधन या मोर्चा नहीं है. राजग का मतलब राष्ट्रीय विकास एजेंसी है. आप 60 साल का शासन देख चुके हैं. मुङो 60 महीने दीजिए. मैं देश को बदल दूंगा. ’’ गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यदि बुद्धिजीवी वंशवादी मॉडल, जनता मॉडल और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार जैसे विभिन्न मॉडलों का विश्लेषण करें तो वे इस बात पर सहमत होंगे कि वाजपेयी का मॉडल सबसे अच्छा था.’’ उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर पूरे देश की संपदा है, ‘‘मुङो दो कमल दीजिए (दो लोकसभा सीट) और लक्ष्मी उस पर विराजेगी.’’
मोदी ने कहा, ‘‘गुजरात और त्रिपुरा में काफी समानताएं हैं. आपकी सीमा बांग्लादेश से मिलती है और हमारी पाकिस्तान से है. बांग्लादेश आपको परेशान करता है और हमसे पाकिस्तान परेशान है. ’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘त्रिपुरा में राजनीतिक स्थायित्व होने के बाद भी यह विकास के मोर्चे पर आगे क्यों नहीं बढ़ रहा? यहां इतनी गरीबी क्यों है? आर्थिक विकास क्यों नहीं है?’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ यदि आप गरीब हैं तो आपको तबतक बीपीएल कार्ड नहीं मिलेगा जबतक आप माकपा से नहीं जुड़ेंगे. यदि आपको जिंदा रहना है तो पहले आपको पार्टी के लिए काम करना पड़ेगा. यह लोकतंत्र नहीं है