विदेश से लौटे राहुल गांधी, सोनिया-प्रियंका ने की मुलाकात
नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी स्वदेश वापस आ चुके हैं. उनकी वापसी के साथ दिल्ली में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के अंदर की राजनीतिक सरगरमी बढ़ गयी है. राहुल गांधी के एजेंडे में उत्तरप्रदेश व पंजाब सबसे ऊपर है. इसके साथ ही उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर की चुनावी जंग […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी स्वदेश वापस आ चुके हैं. उनकी वापसी के साथ दिल्ली में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के अंदर की राजनीतिक सरगरमी बढ़ गयी है. राहुल गांधी के एजेंडे में उत्तरप्रदेश व पंजाब सबसे ऊपर है. इसके साथ ही उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर की चुनावी जंग भी उनकी प्राथमिकता है. कांग्रेस के पुनर्जीवन के लिए उत्तरप्रदेश में उसकी प्रासंगिकता जरूरी है, ऐसे में उसके रणनीतिकार भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए किसी भी संभावित विकल्प को अपना सकते हैं. इसके मद्देनजर राहुल आज दिन में अपने पार्टी नेताओं के साथ एक अहम बैठककरनेवाले हैं, हालांकि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने बेटे व पार्टी उपाध्यक्षराहुलगांधी से मिलने उनके आवास पहुंचीं.सोनिया के राहुल के आवास पहुंचने के कुछ देर बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी भी उनके आवास मुलाकात के लिए पहुंचीं.
Sonia Gandhi reaches Rahul Gandhi's residence in Delhi pic.twitter.com/tezj2ga8n2
— ANI (@ANI) January 10, 2017
राहुल पार्टी नेताओं के साथ आज की बैठक में उत्तरप्रदेश के राजनीतिक हालात पर चर्चा करेंगे और नेताओं का राज्य को लेकर मंतव्य लेंगे कि क्या वे गंठबंधन के पक्ष में हैं या नहीं. समाजवादी पार्टी से उत्तरप्रदेश में कांग्रेस के संभावित गंठबंधन की खुली चर्चा है और ऐसी खबर है कि राहुल गांधी आज सपा नेता व यूपी के सीएम अखिलेश यादव से मिल सकते हैं, हालांकि दोनों नेताओं की कल रात मुलाकात की भी खबर थी.
Rahul Gandhi returns to Delhi after holiday; has called a meeting with Congress leaders at 11 am today
— ANI (@ANI) January 10, 2017
भले ही समाजवादी पार्टी से कांग्रेस की गंठबंधन की चर्चा हो, लेकिन कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार सपा के कलह को देखते हुए बसपा से गंठबंधन की भी संभावना तलाश रहे हैं, हालांकि यह तभी संभव हो सकेगा जब इसमें बसपा प्रमुख मायावती रुचि लें, जो अबतक किसी भी गंठबंधन को लेकर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपनी अरुचि ही दिखाती रही हैं. लेकिन, राजनीति में कब क्या हो जाये ठोस रूप से कहना बेहद मुश्किल होता है.