नयी दिल्ली : बीएसएफ के जवान तेजबहादुर यादव ने फेसबुक वीडियो के जरिए बड़े अफसरों पर जवानों को मिलने वाले खाने में घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है जिसके बाद से बवाल मचा हुआ है. तेजबहादुर की माने तो उन्हें नाश्ते में जली हुई एक रोटी, चाय और खाने के नाम पर सिर्फ हल्दी नमक वाली दाल ही मिलती है. तेजबहादुर का ये वीडियो वायरल हो चुका है और इसे 70 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है तो वहीं चार लाख से ज्यादा लोगों ने वीडियो शेयर किया है.
बीएसएफ के आइजी डीके उपाध्याय ने मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कहा कि हमारे लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा है. हम इसकी जांच करेंगे और उसी के मुताबिक ऐक्शन लेंगे. मैं यह मान सकता हूं कि खाने ठंड की वजह से खाने का टेस्ट अच्छा न हो लेकिन जवानों को इससे शिकायत नहीं होती है. उन्होंने कहा कि तेज बहादुर यादव के खिलाफ अतीत में अनुशासनहीनता के आरोप हैं, उसका 2010 में कोर्ट मार्शल किया जा चुका है. आरोपी जवान अपने से सीनियर अधिकारियों पर गन तान देता था. इसलिए इसे हेडक्वॉर्ट में रखा गया. हमने उसकी पत्नी और बच्चों का खयाल करते हुए तेज बहादुर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की.
आइजी डीके उपाध्याय ने कहा कि ड्यूटी के दौरान जवानों को मोबाइल फोन इस्तेमाल करना मना है. तेज बहादुर ने ऐसा कैसे किया, इसकी भी जांच होगी. हमने जब भी खाने के बारे में फीडबैक लिया, जवानों की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है. मुझे अच्छा लगता है कि उसे फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करने के बजाय हमसे शिकायत करनी चाहिए थी. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस जम्मू में की गई.
आइजी के बयान के पहले बीएसएफ डीआइजी एमडीएस मान ने कहा कि जवान जो भी आरोप लगाए हैं उसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि खाने की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है. आरोप लगाने वाले जवान के ऊपर पहले कई आरोप लग चुके हैं. उसने वीआरएफ की अर्जी दी थी जिसे मंजूर कर ली गई है. डीजी ने कहा कि 20 साल के कार्यकाल में तेज बहादुर यादव के खिलाफ 4 शिकायतें दर्ज थीं. इसलिए उसे प्रमोशन नहीं मिला था शायद इसलिए वह निराश था. अगर तेज बहादुर के आरोपों में कुछ भी सच निकला तो हम दोषियों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे.
इधर, जवानों को घटिया खाना परोसे जाने और अफसरों पर गंभीर आरोप लगाने वाले बीएसएफ जवान ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि उसने पहले भी शिकायत की थी लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मजबूरी में उसने वीडियो सोशल मीडिया पर डाला. उसने कहा कि मैंने इस बारे में अपने कमांडर से तीन-चार बार शिकायत की लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन मुझे ऐसा करना पड़ा.
There will also be an enquiry as to why he was carrying a mobile phone while on duty, which is against the disciplinary guidelines: IG BSF
— ANI (@ANI) January 10, 2017