खादी ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर में गांधी की जगह मोदी की फोटो, भड़के तुषार गांधी

मुंबई : अब तक खादी ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर पर महात्मा गांधी की चरखा चलाते तसवीरें हुआ करती थीं. आयोग ने नये साल में जो कैलेंडर जारी किया है, उसमें महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चरखा चलाते तसवीर है. डायरी से भी बापू की तसवीर गायब है. इस बदलाव का विरोध भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2017 12:13 PM

मुंबई : अब तक खादी ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर पर महात्मा गांधी की चरखा चलाते तसवीरें हुआ करती थीं. आयोग ने नये साल में जो कैलेंडर जारी किया है, उसमें महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चरखा चलाते तसवीर है. डायरी से भी बापू की तसवीर गायब है. इस बदलाव का विरोध भी शुरू हो गया है. कर्मचारियों ने यहां प्रदर्शन किया और गांधीजी की तसवीरों के साथ फिर से कैलेंडर प्रकाशित करने की मांग की.

खादी ग्रामोद्योग आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि इस बार कैलेंडर पर महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तसवीर है. आयोग के कर्मचारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘सरकार की ओर से इस तरह महात्मा गांधी के दर्शन, विचारों और आदर्शों को खारिज किये जाने से हम दुखी हैं. पिछले साल ऐसा पहला प्रयास किया गया था, जब कैलेंडर में पीएम मोदी की तसवीर छापी गयी. तब आयोग की स्टाफ यूनियंस ने इस मुद्दे को उठाया भी था.

भड़के तुषार गांधी

खादी विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन के सालाना कैलेंडर और टेबल डायरी में गांधी की जगह मोदी की तस्वीर लगने पर तुषार गांधी भड़क गए. गांधीजी के प्रपोत्र ने कहा कि वक्त आ गया है कि बापू अब खादी विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन को राम-राम कह दें. तुषार गांधी का कहना है कि यूं भी खादी विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन ने खादी और बापू दोनों की विरासत को कमजोर करके रख ही दिया है. उन्होंने कहा कि मोदी को चाहिए कि वो इस कमीशन को निरस्त कर दें.

कर्मचारियों ने पूछा, क्या बापू अब प्रासंगिक नहीं रहे

खादी ग्रामोद्योग आयोग के कर्मचारियों के एक हिस्से ने गुरुवार को विरोध-प्रदर्शन किया और जानना चाहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तसवीर प्रकाशित करने के दौरान राष्ट्रपिता की तसवीर क्यों नहीं प्रकाशित की गयी. प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, ‘हम डायरी और कैलेंडर में मोदीजी की तसवीर शामिल करने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन गांधीजी की तसवीर नहीं पाकर हम दुखी हैं. हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि क्यों गांधीजी को यहां स्थान नहीं दिया गया है. क्या गांधीजी खादी उद्योग के लिए अब प्रासंगिक नहीं रहे.’

मोदी खादी के जबरदस्त समर्थक : अधिकारी
ग्रामोद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘महात्मा की अनदेखी करने की कोई सोच भी नहीं सकता. वह समूचे भारत में समस्त खादी उद्योग के लिए मार्गदर्शक शक्ति थे और रहेंगे. खादी उद्योग उनके दर्शन पर आधारित है और उसके साथ उसका स्वाभाविक जुड़ाव रहा है.’ पीएम मोदी की तसवीर को शामिल किये जाने को उचित ठहराते हुए उन्होंने कहा, ‘पिछले अक्तूबर में मोदीजी ने लुधियाना में महिला सूत कातने वालों को 500 चरखा वितरित किया. उस ऐतिहासिक क्षण को याद करते हुए हमने कैलेंडरों पर उनकी तसवीर प्रकाशित करने का फैसला किया था.’ मोदी खुद खादी के जबरदस्त समर्थक हैं और खुद इन सामग्रियों को प्रोत्साहित करने के अलावा खादी पहनते हैं.

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