नयी दिल्ली:जी-20 बैठक के नतीजे पर संतोष जताते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि अमेरिकी प्रोत्साहन उपायों को वापस लेने तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की कोटा व्यवस्था में सुधार में तेजी लाने की जरुरत के संदर्भ में भारत की चिंताओं को इसके आधिकारिक वक्तव्य में स्थान मिला है.
विकसित और प्रमुख विकासशील देशों के मंच जी20 वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक के समापन के बाद चिदंबरम ने कहा, ‘‘अधिकारियों ने मिल बैठकर यह आधिकारिक बयान तैयार किया है और इसमें हमारी चिंताएं पूरी तरह परिलक्षित हो रही हैं.’’यह पूछे जाने पर कि क्या वह जी-20 के आधिकारिक बयान से संतुष्ट हैं, मंत्री ने कहा, ‘‘हां’’ यहां दो दिन के इस सम्मेलन में मुद्रोष तथा यूरोपीय केंद्रीय बैंक जैसे बुहपक्षीय वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया.
वैश्विक अर्थव्यवस्था में सामूहिक रुप से जी-20 की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत है. चिदंबरम ने कहा कि भारत ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बांड खरीद कार्यक्रम को हल्का करने से विकासशील देशों पर पड़ने वाले प्रभाव की चिंता जतायी थी और आईएमएफ :मुद्राकोष: की कोटा प्रणाली में सुधार शीघ्र करने ने की जरुरत को रेखांकित किया था.उम्मीद है कि मुद्राकोष कोटा सुधार से बहुपक्षीय संस्थान में उभरती अर्थव्यवस्था की भूमिका बढ़ेगी. चिदंबरम ने कहा कहा, ‘‘जब देश प्रोत्साहन उपायों को वापस ले रहे हैं तो उन्हें इसका विकासशील देशों पर पड़ने वाले प्रभावों को ध्यान में रखना चाहिए.’’