ठाणे : राकांपा को धोखेबाजों की पार्टी करार देते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज लालच में पड़े शिवसैनिकों को शरद पवार के संगठन में जाने के प्रति चेताते हुए कहा कि वे डूबती नाव नाव में चढने जा रहे हैं.
डोम्बिवली में शिवसेना, भाजपा, आरपीआई, एसडब्ल्यू गंबंधन की रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने राकांपा और कांग्रेस की विफलाएं गिनायी और लोगों से अपने विश्वानीय गंबंधन को चुनने की अपील की.
उद्धव ने कल रात रैली को संबोधित करते हुए कहा, शिवसेना के संस्थापक बालासाहब ने योग्य और कर्मठ शिवसैनिकों को चुना था और उन्हें बड़ा पद दिया. लेकिन अपने लालच के कारण उन्होंने पार्टी, उसके नेतृत्व को धोखा दिया और छोड़ दिया. साथ ही दूसरे दल में चले गये. आनंद परांजपे इनमें से एक हैं, इन्हें जबर्दस्त सबक सिखायें.
उन्होंने कहा, राकांपा की ओर से शिवसेना नेताओं को अपने पाले में लाने से हमारी पार्टी कमजोर नहीं होगी. हमारी ताकत जन समर्थन है जो आगामी चुनाव में साबित होगी. जो लोग राकांपा में शामिल हो रहे हैं, उन्हें मालूम नहीं कि वे डूबती नाव पर सवार हो रहे हैं. शिवसेना को उस समय गहरा धक्का लगा जब कुछ दिन पहले शिरडी सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्तमान सांसद भाउसाहब वाकचौरे ने कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय किया.
ऐसी भी अटकलें तेज हैं कि परभनी से शिवसेना के सांसद गणेश दुधगांवकर राकांपा में शामिल हो सकते हैं. इससे पहले दुधगांवकर की महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता अजीत पवार से शनिवार को मुलाकात हुई थी.
बहरहाल, उद्धव ने कहा, शिवसेना में कोई लोकतंत्र नहीं होगा. मैं जो निर्णय करुंगा, वह अंतिम शब्द होगा. उद्धव ने बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त के पैरोल की अवधि बढ़ाये जाने की भी आलोचना की और कहा कि ऐसी ही सुविधा कर्नल श्रीकांत पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह और असीमानंद को भी मिलनी चाहिए.
भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, राकांपा को हमें कमतर नहीं आंकना चाहिए. यह दांत के बदले दांत और आंख के बदले आंख का मुकाबला होगा. उन्होंने कहा, जल्द ही हम राकांपा के दो वरिष्ठ नेताओं को शिवसेना-भाजपा के साथ लायेंगे. मुंडे ने हालांकि इन नेताओं का नाम नहीं लिया.