एक ही परिवार के पांच लोगों के हत्यारे की सजा-ए-मौत उम्रकैद में बदली
अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने दुबई में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर भारत भाग आने वाले एक दोषी की सजा-ए-मौत घटा कर उम्रकैद में बदल दी.गुजरात उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सजा में तब्दीली करते हुए कहा, ‘‘दोषी जेल में 22 साल गुजार चुका है. हालात पर ध्यान देते हुए […]
अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने दुबई में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर भारत भाग आने वाले एक दोषी की सजा-ए-मौत घटा कर उम्रकैद में बदल दी.गुजरात उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सजा में तब्दीली करते हुए कहा, ‘‘दोषी जेल में 22 साल गुजार चुका है. हालात पर ध्यान देते हुए अदालत मानती है कि सजा-ए-मौत उसके लिए उपयुक्त नहीं है.’’
अदालत ने कहा, ‘‘सजा-ए-मौत घटा कर जिंदगी भर की कैद की सजा में बदली जाती है.’’ खंडपीठ ने कहा, ‘‘हाल के मामलों में उच्चतम न्यायालय के फैसलों के अनुरुप अगर दोषी जेल में बहुत साल तक रह चुका है तो सजा-ए-मौत घटा कर उम्रकैद की सजा में बदली जा सकती है.’’ दोषी रावजी पवार के वकील योगेश रवाणी ने बताया, ‘‘पहले 2011 में विशेष सीबीआई अदालत ने रावजी पवार को हत्या मामले में दोषी करार दिया था और उसे सजा-ए-मौत सुनाई थी.अदालत के आदेश में कहा गया है, ‘‘1992 में पवार ने दुबई में एक भारतीय परिवार के पांच लोगों की तब हत्या की थी जब वह वहां घरेलू नौकर के रुप में काम कर रहा था. परिवार के मुखिया ने खुद उसे रमेश सागर की बेटी ज्योति का यौन उत्पीड़न करते पकड़ा. सागर ने उसे डांटा और पीटा.’’