जल्लीकट्टू प्रदर्शन मामले में मद्रास हाइकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार

चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने आज कहा कि वह जल्लीकट्टू पर प्रतबिंध के विरोध में शहर में चल रहे प्रदर्शनों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा क्योंकि यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है. अधिवक्ता के बालू ने मरीना मार्ग में जल्लीकट्टू समर्थकों के चल रहे विरोध प्रदर्शनों का खुली अदालत में उल्लेख किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2017 4:30 PM

चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने आज कहा कि वह जल्लीकट्टू पर प्रतबिंध के विरोध में शहर में चल रहे प्रदर्शनों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा क्योंकि यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है. अधिवक्ता के बालू ने मरीना मार्ग में जल्लीकट्टू समर्थकों के चल रहे विरोध प्रदर्शनों का खुली अदालत में उल्लेख किया. उन्होंने अदालत को बताया कि प्रदर्शनकारियों को पेयजल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. साथ ही मंगलवार शाम से चल रहे प्रदर्शन वाले स्थान में बिजली आपूर्ति बंद है.

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस के कॉल और न्यायामूर्ति एम सुंदर की पीठ ने इस मुद्दे पर इस चरण में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा,‘‘ यह मामला पहले ही उच्चतम न्यायालय में लंबित है और जब ऐसा होता है तो उच्च न्यायालय और तमिलनाडु सरकार कुछ नहीं कर सकती और इसके अलावा मरीना रोड प्रदर्शन करने की जगह नहीं है. अदालत इस चरण में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है.

जल्लीकट्टू समर्थकों के प्रदर्शनों ने उस वक्त और तेजी पकड ली जब युवाओं के एक गुट ने मरीना मार्ग में रातभर प्रदर्शन जारी रखा इसबीच राज्य सरकार ने मामले के हल के लिए प्रदर्शनकारियों से आज बातचीत की। सरकार ने युवाओं से कहा कि वह जल्लीकट्टू पर अध्यादेश लाने के लिए राष्ट्रपति से अपील करेगी. उच्चतम न्यायालय ने 2014 में ही जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था और पिछले वर्ष दिसंबर में राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका भी रद्द कर दी थी. शीर्ष न्यायालय ने इस संबंध में दाखिल एक अन्य याचिका को 12 जनवरी को खारिज का दिया था

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