नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल आज संसद कीविरप्पा माेइली की अध्यक्षता वाली वित्त मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष पेश हुए. गवर्नर ने समिति को नोटबंदी और उसके बाद उससे आयी मुश्किलों से निबटने के उपायों की जानकारी दी. संसदीय सूत्रों के अनुसार, आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि 9.2 लाख करोड़ रुपये के नये नोटबैंकिंग सिस्टम में डाले गये हैं, जो विमुद्रीकरण की गयी कुल राशि का लगभग 60 प्रतिशत है.इस समिति के सदस्य डॉ मनमोहन सिंहनेउर्जित पटेल को कहा किसभी सवालों का जवाब देना जरूरीनहींहै.
न्यूज चैनल टाइम्स नाउ ने खबर दी है कि स्टैंडिंग कमेटी के सामने पेशी के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने आरबीआइ गवर्नर का बचाव किया. उन्होंने उर्जित पटेल को वैसे सवालों का जवाब देने से रोका, ताकि केंद्रीय बैंक के समक्ष भविष्य में मुश्किल हालात न पैदा हो जाये. समिति के सदस्य कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने उर्जित पटेल से नोट निकासी पर लगाये प्रतिबंध को हटाने के संबंध में विशेष तौर पर जानना चाहा.
मालूम हो कि आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 एवं 1000 रुपये के पुराने नोटों को प्रतिबंधित करने का एलान किया था. मोदी के इस एलान के बाद 86 प्रतिशत मुद्रा बाजार में अचानक से अप्रासंगिक हो गयी. न्यूज एजेंसी एएनआइ ने खबर दी है कि समिति ने उर्जित पटेल द्वारा कुछ सवालों पर उसे संतुष्ट नहीं किये जाने पर उनकी आलोचना भी की.
तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगात राय ने मीडिया से कहा कि आबीआइ गवर्नर उर्जित पटेल हमें यह बताने में असफल रहे कि नोटबंदी के बाद बैंकिंग सिस्टम में कितने रुपये वापस आये.