जलीकट्टू को लेकर प्रदर्शन तेज, कल प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पन्नीरसेलवम

चेन्नई : सांडों की लड़ाई के खेल ‘जल्लीकट्टू’ पर प्रतिबंध हटाने की मांग समूचे तमिलनाडु में जोर पकड़ने के बीच आज यहां मरीना बीच पर हजारों छात्र जमा हुए. जल्लीकट्टू पर विरोध प्रदर्शन के तीव्र होने की आशंका के मद्देनजर तमिलनाडु के कई कॉलेजों में छुट्टी कर दी गयी है. वहीं, सड़कों पर रोष बढने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2017 8:41 PM

चेन्नई : सांडों की लड़ाई के खेल ‘जल्लीकट्टू’ पर प्रतिबंध हटाने की मांग समूचे तमिलनाडु में जोर पकड़ने के बीच आज यहां मरीना बीच पर हजारों छात्र जमा हुए. जल्लीकट्टू पर विरोध प्रदर्शन के तीव्र होने की आशंका के मद्देनजर तमिलनाडु के कई कॉलेजों में छुट्टी कर दी गयी है. वहीं, सड़कों पर रोष बढने के मद्देनजर मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेलवम ने फौरन एक अध्यादेश लाने की मांग करते हुए कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का फैसला किया है जबकि अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला ने आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए कहा कि इस पर प्रतिबंध हटाने के लिएविधानसभा के अगले सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया जायेगा. मुख्यमंत्री के साथ अन्नाद्रमुक के 49 सांसद भी होंगे. प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कल सुबह मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलूंगा और उनसे जल्लीकट्टू पर से प्रतिबंध हटाने के लिए एक अध्यादेश लाने का अनुरोध करुंगा. इसलिए, मैं सभी प्रदर्शनकारियों से अपना आंदोलन रोकने की अपील करता हूं.’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर लोगों के साथ है. अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया और कहा कि विधानसभा के अगले सत्र में जल्लीकट्टू पर से प्रतिबंध हटाने के लिये एक प्रस्ताव पारित किया जायेगा. उन्होंने छात्रों से अपना प्रदर्शन बंद करने की अपील की है. वहीं, जल्लीकट्टू के लिए इजाजत मांगने वालों में आईटी क्षेत्र के कर्मचारी तथा कई और फिल्मी कलाकार भी शामिल हो गए हैं. इस बीच, नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि केंद्र की जनवरी 2016 की अधिसूचना ने जंतु देखभाल की चिंताओं से सामंजस्य बिठाते हुए इस पारंपरिक खेल की इजाजत दी थी। यह फिलहाल कानूनी पडताल के दायरे में है और अनुकूल फैसला आएगा.

यहां शिवगंगा के कांदीपट्टी गांव में तनाव मौजूद है जहां 100 सांडों का पीछा करने का खेल (मंजू विरात्तू) आयोजित किया गया था. पुलिस ने भीड को तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया. हालांकि, पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया. मदुरै जिले के पासुकरनपत्ती में आयोजकों ने पुरस्कार राशि के साथ कई सांडों को छोडा. यह रकम उनकी सींगों में बंधी थी. इसी तरह का कार्यक्रम पट्टुकोट्टई में भी हुआ जहां 30 सांडों को शामिल किया गया. प्रदर्शन तेज होने के मद्देनजर, मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन, डीजीपी टीके राजेंद्रन और चेन्नई पुलिस आयुक्त एस जार्ज सहित शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. अभिनेता विशाल, कॉमेडियन विवेक और शिवकार्तिकेयन ने जल्लीकट्टू के लिए समर्थन जाहिर किया.

कलकारों के संगठन साउथ इंडियन आर्टिस्टेज एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर 20 जनवरी को भूख हडताल करने की घोषणा की है. मरीना बीच पर प्रदर्शनकारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री मौके पर आएं और इस खेल को इजाजत देने का आश्वासन दें. चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर, मदुरै, कोयंबटूर, तिरुचिरापल्ली, शिवगंगा, सलेम, इरोड, धर्मपुरी और कन्याकुमारी सहित कई जिलों में रैलियां निकाली गई. रैलियों में और छात्रों एवं आईटी कर्मचारियों के प्रदर्शन में ये नारे लगाए गए कि, ‘हम जल्लीकट्टू चाहते हैं’ और ‘तमिल विरोधी पेटा को प्रतिबंधित किया जाए. ‘

विरुदाचलम और कुड्डालोर जिले में छात्रों ने रेल रोको का सहारा लिया. नमक्कल में दो युवक मोबाइल फोन के एक टावर पर चढ़ गए.डिंडीगुल में वकीलों ने रैली निकाली. फार्मर्स ज्वाइंट एक्शन काउंसिल अध्यक्ष देवीसीगामणि ने तंजौर में संवाददाताओं को बताया कि केंद्र 48 घंटे के अंदर अपने फैसले की घोषणा करे अन्यथा वे लोग 20 जनवरी को राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे. अन्नाद्रमुक संगठन सचिव सी पोन्नीयन ने इस स्थिति के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि केंद्र अध्यादेश लाने में बहुत देर कर रही है.

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