चेन्नई : तमिलनाडु में जलीकट्टू (सांडों पर काबू पाने का खेल) के आयोजन और पशु अधिकार संगठन ‘पेटा’ पर प्रतिबंध की मांग को लेकर बुधवार को हजारों लोग सड़क पर उतर गये. चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर, मदुरै, कोयंबटूर, तिरुचिरापल्ली, शिवगंगा, सलेम, इरोड, धर्मपुरी और कन्याकुमारी सहित कई जिलों में रैलियां निकाली गयी. वहीं, मरीना बीच पर हजारों छात्र जमा हुए और प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने ‘हम जलीकट्टू चाहते हैं’ और ‘तमिल विरोधी पेटा को प्रतिबंधित किया जाये’ के नारे लगाये. जलीकट्टू के लिए इजाजत मांगनेवालों में आइटी क्षेत्र के कर्मचारी तथा कई और फिल्मी कलाकार भी शामिल हैं.
वहीं, लोगों रोष बढ़ने के मद्देनजर मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेलवम ने फौरन एक अध्यादेश लाने की मांग करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री के साथ अन्नाद्रमुक के 49 सांसद भी होंगे. प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिल कर उनसे जलीकट्टू पर से प्रतिबंध हटाने के लिए एक अध्यादेश लाने का अनुरोध करूंगा. इसलिए, मैं सभी प्रदर्शनकारियों से अपना आंदोलन रोकने की अपील करता हूं.
उधर, जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए अध्यादेश लाने की मांग को लेकर सत्तारुढ अन्नाद्रमुक के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेगा. जल्लीकट्टू के आयोजन को हरी झंडी देने की मांग को लेकर तेज होते आंदोलन के बीच अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला ने कहा कि पार्टी सांसद तमिलनाडु में हो रहे ‘भावनात्मक आंदोलन’ और सांडों को काबू में करने के खेल पर से प्रतिबंध हटाने के लिए अध्यादेश लाने की जरुरत के बारे में केंद्र को बताएंगे.
एक विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि पार्टी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों से मिलेगा. अन्नाद्रमुक के एक सांसद ने पीटीआई को बताया कि प्रतिनिधिमंडल कल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के साथ मोदी से मिलेगा.