नयी दिल्ली : एनआइए ने कानपुर रेल हादसा मामले को गृह मंत्रालय को ट्रांसफर करने के लिए आज पत्र लिखा है. पिछले साल 20 नवंबर को झांसी-कानपुर रेल लाइन पर कानपुर से 60 किलोमीटर दूर पुखरायां में भीषण रेल हादसा हुआ था, जिसमें करीब डेढ़ सौ यात्रियों की मौत हो गयी थी. हादसे में पटना-इंदौर इंटरसिटी रेलगाड़ी के 14 डिब्बे पटरी से उतर गये थे.
जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि इस ट्रेन हादसे के पीछे आइएसआइ का हाथ था. इस मामले में बिहार के मोतिहारी में जांच एजेंसियों के हाथ आये आतंकी मोती पासवान ने खुलासा किया कि दिल्ली और इंदौर ट्रेनों में भी बम बलास्ट की प्लानिंग थी. इस काम में सिमी के 30 आतंकी लगाये गये थे. इस खुलासे के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियाें ने अपनी जांच तेज कर दी है. आज एनआइए ने इस मामले को गृह मंत्रालय को ट्रांसफर करने के लिए पत्र लिखा है.
देश में आतंकी संगठनों और अलगाववादी ताकतों के खिलाफ पिछले साल की गयी अपनी कार्रवाई के बारे में भी एनआइए ने जानकारी दी है. उसने कहा है कि उसने 2016 में 112 लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें से 64 जिहादी आतंकवाद के मामले थे. एनआइए के मुताबिक उसकी जांच के दायरे में जाकिर नाइक की आर्थिक गतिविधियां भी हैं.
जाकिर नाइक के 78 बैंक खातों का पता एनआइए का चला है और उन सब पर नजर रखी जा रही है. नाइक एनजीआे चलाते हैं और उसके इसके जरिये उन्होंने रीयल एस्टेट में लगभग 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
एनआइए ने अपने पत्र में कहा है कि जांच में इस बात का पता चला है कि उड़ी और हंदवाड़ा हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था. नगरोटा हमले की आरंभिक जांच में जैश-ए-मोहम्मद का हाथ पाया गया है.