जाकिर नाईक से होगी पूछताछ, 100 करोड़ निवेश और 78 बैंक खातों की होगी पड़ताल

नयी दिल्ली : विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पूछताछ कर सकती है जो उनके 78 बैंक खातों, मुम्बई और उसके आसपास रीयल एस्टेट में उनके और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए कम से कम 100 करोड़ रुपये के निवेश की छानबीन कर रही है. एनआईए सूत्रों ने बताया कि जांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2017 7:37 PM

नयी दिल्ली : विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पूछताछ कर सकती है जो उनके 78 बैंक खातों, मुम्बई और उसके आसपास रीयल एस्टेट में उनके और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए कम से कम 100 करोड़ रुपये के निवेश की छानबीन कर रही है.

एनआईए सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने धर्म के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, सद्भाव के विरुद्ध हरकतें करने के आरोप में पिछले साल नाइक और अन्य के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया था और अब उसे इन उपदेशक से जुड़े व्यक्तियों एवं कोरपोरेटों समेत 23 निकायों की भूमिका मिली है. सूत्रों के अनुसार एनआईए ने अपनी जांच के सिलसिले में नाइक की बहन नैलाह नौशाद नूरानी समेत उनके 20 सहयोगियों से पूछताछ की है.
सूत्र ने कहा, ‘‘हमने आयकर रिटर्न एवं अन्य चीजों समेत कुछ दस्तावेज मांगे हैं. इसके अलावा, देश के विभिन्न बैंकों में 78 खाते भी खंगाले जा रहे हैं. यह पूरा हो जाने के बाद हम पूछताछ के लिए नाइक को बुलाना चाहते हैं. ‘ एनआईए सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने बैंकों से लेनदेन समेत इन खातों का ब्योरा मांगा है.
दरअसल नाइक और उनके साथियों द्वारा मुम्बई और उसके आसपास रीयल एस्टेट में कम से कम 100 करोड रुपये निवेश किए गये हैं. सूत्रों ने बताया कि एजेंसी के अधिकारियों को इस मामले में शामिल व्यक्तियों द्वारा किए गए वित्तीय लेनदेन में धन के जटिल अंतरण का पता चला है. एनआईए धार्मिक और उपदेशक वीडियों के निर्माण में लगी मुम्बई की हार्मोनी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की भी छानबीन कर रही है. नाइक के गैर सरकारी संगठन इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन (आईआरएफ) को केंद्र सरकार ने गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया था.
संभवत: गिरफ्तारी से बचने के लिए फिलहाल देश से बाहर चल रहे नाइक के भाषणों पर ब्रिटेन, कनाडा और मलेशिया में रोक लगा दी गयी है. गृह मंत्रालय ने पाया है कि इस एनजीओ का इंटनेशनल इस्लामिक चैनल पीस टीवी के साथ संदेहास्पद संबंध है. पीस टीवी पर आतंकवाद का प्रसार करने का आरोप है.
गृह मंत्रालय के मुताबिक आईआरएफ के प्रमुख नाइक ने कथित रुप से कई भड़काऊ भाषण दिए और आतंकवाद के प्रचार में कथित रूप से शामिल हैं. आईआरएफ तब विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आया जब पिछले साल एक जुलाई के ढाका कैफ हमले में शामिल एक आतंकवादी ने कथित रूप से सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि उसे नाइक के उपदेशों से प्रेरणा मिली थी.
इसके अलावा, वर्ष 2016 में इस्लामिक स्टेट में शामिल होने गए मुम्बई उपनगरीय इलाके के कुछ युवाओं ने भी कथित तौर पर कहा था कि उन्हें इन उपदेशक से प्रेरणा मिली है. महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवकों को कट्टरपंथ की घूंट पिलाने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों के प्रति आकर्षित करने में कथित रूप से शामिल रहने केा लेकर नाइक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है.
सूत्रों ने बताया कि नाइक ने आपित्तजनक कार्यक्रम तैयार करने के लिए आईआरएफ का विदेशी चंदा पीस टीवी में अंतरित किया. ज्यादातर कार्यक्रमों, जो भारत में तैयार किए गए, में नाइक के कथित रूपसे नफरत वाले भाषण हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने भी नाइक और आईआरएफ के खिलाफ धनशोधन कानूनों के तहत मामला दर्ज किया है.

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