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जलीकट्टू : पीएम ने कहा – तमिल लोगों के संस्कृति आकांक्षा को पूरी करने की हरसंभव कोशिश

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने तेजी से कदम उठाते हुए आज रात जल्लीकट्टू से जुड़े अध्यादेश को मंजूरी देकर तमिलनाडु सरकार के इसकी उद्घोषणा करने का रास्ता साफ कर दिया. तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के मुद्दे पर पिछले चार दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के कारण कामकाज ठप हो गया और इस कोशिश से विरोध प्रदर्शनों […]

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने तेजी से कदम उठाते हुए आज रात जल्लीकट्टू से जुड़े अध्यादेश को मंजूरी देकर तमिलनाडु सरकार के इसकी उद्घोषणा करने का रास्ता साफ कर दिया. तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के मुद्दे पर पिछले चार दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के कारण कामकाज ठप हो गया और इस कोशिश से विरोध प्रदर्शनों के रुकने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री ने कहा तमिल लोगों के सास्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा करने का हर संभव कोशिश किया जायेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को आश्वासन देने के बाद गृह, विधि और पर्यावरण मंत्रालयों ने राज्य के मसौदा अध्यादेश की समीक्षा की और संशोधन को मंजूरी दी जो ‘‘प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जानवरों’ की सूची से सांडों को गैर अधिसूचित कर देगा.

इससे सुनिश्चित होगा कि पशु कू्ररता निरोधक अधिनियम के प्रावधान सांडों पर लागू नहीं होंगे.गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि अध्यादेश राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है. इसे राष्ट्रपति के पास नहीं भेजा गया और सीधा राज्य सरकार के पास भेज दिया गया.तमिलनाडु के मंत्रिमंडल की अध्यादेश को मंजूरी देने के लिए कल सुबह बैठक करने और उद्घोषणा के लिए इसे सिफारिश के लिए राज्यपाल विद्यासागर राव के पास भेजने की संभावना है.राव महाराष्ट्र के भी राज्यपाल हैं और वह कल सुबह चेन्नई पहुंच रहे हैं.
जल्लीकट्टू सांडों को काबू में करने का लोकप्रिय खेल है जो सालों से पोंंगल के दौरान तमिलनाडु में वार्षिक रुप से आयोजित किया जाता रहा है. केंद्र का यह कदम तमिलनाडु में छात्रों, युवाओं एवं दूसरे वर्गों द्वारा बुलाए गए बंद और विरोध प्रदर्शन से राज्य में आम जनजीवन ठप होने के बाद उठाया गया. जल्लीकट्टू के केंद्र अलंगनल्लूर और दूसरी जगहों पर पारंपरिक खेल के तत्काल आयोजन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह आयोजन होने तक आंदोलन वापस नहीं लेंगे.इससे पहले कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक के बाद दिल्ली में रुके पनीरसेल्वम ने आज सुबह घोषणा की थी कि राज्य सरकार खेल के आयोजन को मंजूरी देने के लिए एक या दो दिन में अध्यादेश जारी करेगी.
उन्होंने कहा था कि खेल के आयोजन के रास्ते में खडी ‘‘सभी बाधाओं’ को हटाने के लिए कानूनी उपाय किए जाएंगे.गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पर्यावरण मंत्री अनिल दवे और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस मुद्दे का जल्द हल करने के लिए शीघ्र कदम उठाये जाने का भरोसा दिलाया। सिंह से अन्नाद्रमुक के सांसदों का एक बडा प्रतिनिधिमंडल मिला था. साथ ही, अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि इस विषय का हल निकालने के लिए तमिलनाडु के साथ केंद्र सरकार बातचीत कर रही है, जिसके बाद न्यायालय जल्लीकट्टू मुद्दे पर एक हफ्ते तक फैसला नहीं देने पर सहमत हुआ. कानून मंत्री ने बताया कि उन्हांेने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की, जबकि केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन और तमिलनाडु भाजपा प्रमुख तमिलसई सौंदर्यराजन भी उनके साथ थे, जब वह मीडिया से मिले थे. हालांकि राजनीतिक दल युवाआंे के बीच असंतोष से दूर रहे हैं, जबकि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रमुक ने राज्यव्यापी रेल रोको आंदोलन किया। इसके कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया. कई द्रमुक कार्यकर्ताओं के अलावा स्टालिन और कनीमोई को गिरफ्तार किया गया.स्टालिन ने यह भी घोषणा की है कि वह कल दिन भर का अनशन करेंगे.
तमिल फिल्म उद्योग ने जल्लीकट्टू समर्थकों के साथ एकजुटता जाहिर की है. वहीं शीर्ष कलाकार मूक प्रदर्शन मंे शामिल हुए। फिल्म शूटिंग दिन भर के लिए निलंबित कर दी गई. सुपरस्टार रजनीकांत, अभिनेता अजित कुमार, सूर्या, सूर्य कार्तिकेयन के अलावा अदाकारा तृशा भी मौन प्रर्दशन में शरीक हुई. ऑटो रिक्शा और टैक्सी सडकों से नदारद रहीं. वहीं कुछ सरकारी बसें ही सडकों पर नजर आईं. बैंकों में कामकाज भी प्रभावित हुआ. कर्मचारियों ने प्रदर्शन में भाग लिया. विभिन्न आईटी कंपनियों के कर्मचारी तख्तियां और बैनर लिए हुए थे जिन पर एनजीओ ‘पीपुल फॉर द एथिकल टरीटमेंट ऑफ एनिमल्स’ (पेटा) के खिलाफ नारे लिखे थे. शहर के रेलवे स्टेशन पर रेल रोको की कोशिश करने के दौरान द्रमुक के जिला पदाधिकारियों और पूर्व मंत्रियों सहित करीब 2,000 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. दक्षिण तमिलनाडु में बंद को अच्छी प्रतिक्रिया मिली जहां लगभग सारी दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे

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