अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति ने नजीब के परिजनों को तीन दिन पहले फोन किया था और 20 लाख की फिरौती मांगी थी. सूत्रों ने बताया कि अपराध शाखा के एक दल ने डीसीपी जी राम गोपाल नायक की निगरानी में आरोपी के स्थान का पता लगाया था. हालांकि नजीब के परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हमें फिरौती मांगने वाली कोई भी कॉल नहीं आयी है.” इसी बीच वे छह छात्र भी पोलिग्राफी टेस्ट के लिए सहमत नहीं हुए हैं, जिनसे इसके लिए मंजूरी मांगीगयी थी.
छात्रावास में नजीब के कमरे में साथ रहनेवाला छात्र मोहम्मद कासीम ने भी झूठ पकड़ने वाले इस परीक्षण के लिए हामी नहीं भरी है. कासीम पहले इस परीक्षण के लिए तैयार हो गया था. अहमद, जेएनयू के एमएसी बायोटेक्नोलॉजी का छात्र है और 15 अक्तूबर से लापता है. छात्र के गायब होने से पहले उसकाझगड़ा कथितरूप से एबीवीपी के सदस्य छात्रों के साथ जेएनयू कैंपस के छात्रावास में हुआ था.